नैनीतालः विकासखंड बेतालघाट में बीडीसी मेंबरों के बजट वितरण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. होईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब किया है. साथ ही तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, विकासखंड बेतालघाट के 15 बीडीसी मेंबरों (दीपा बिष्ठ एवं अन्य) ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि बेतालघाट विकासखंड में कुल 32 बीडीसी मेंबर हैं. जिनमें से 17 बीडीसी मेंबरों को अपने क्षेत्र के विकास कार्य के लिए क्षेत्र पंचायत विकास निधि से बजट दिया जा रहा है. जबकि 15 सदस्यों को नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण उनके क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है.
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार के 13 जून 2006 के शासनादेश के अनुसार क्षेत्र पंचायतों के विकास कार्यों के लिए सालाना प्रति क्षेत्र पंचायत को 25 लाख रुपए दिया जाना था. जिसे बीडीसी मेंबरों की ओर से अपने क्षेत्र के विकास कार्यों में व्यय करना था. अगर कोई सदस्य अपने बजट को व्यय नहीं करता है तो उसे लैप्स करने का भी प्रावधान है.
याचिकर्ताओं के मुताबिक, चतुर्थ राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग से मिलने वाली क्षेत्र पंचायत विकास निधि का पैसा कई बीडीसी मेंबरों को नहीं मिल पाया है. विकास निधि से बजट भी आया है, लेकिन उन्हें नहीं दिया जा रहा है. 15 बीडीसी मेंबरों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. लिहाजा, इसकी जांच कराई जाए और उन्हें बजट दी जाए. जिससे वो अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों को आगे बढ़ा सके.
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वहीं, याचिकर्ताओं ने अपनी जनहित याचिका में उत्तराखंड सरकार, डायरेक्टर पंचायती राज उत्तराखंड, जिला अधिकारी नैनीताल, सीडीओ नैनीताल, जिला पंचायतराज अधिकारी नैनीताल, बीडीओ विकासखंड भीमताल को भी पक्षकार बनाया है. अब मामले की सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी.