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देहरादून-गणेशपुर नेशनल हाईवे निर्माण पर HC सख्त, शिवालिक रेंज के DFO को किया तलब - देहरादून-गणेशपुर नेशनल हाइवे निर्माण पर कोर्ट सख्त

देहरादून से गणेशपुर के निकट सहारनपुर यूपी के बीच 19.5 किलोमीटर की नेशनल हाईवे बनाया जा रहा है. इसमें 3 किलोमीटर का हाईवे देहरादून व राजाजी नेशनल पार्क के इको सेंसटिव जोन से होकर गुजर रहा है. इसके तहत 16 हजार पेड़ों की कटाई की जाएगी. जिसको लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए शिवालिक रेंज के डीएफओ को तलब किया है.

HC ON HIGHWAY
देहरादून-गणेशपुर नेशनल हाइवे निर्माण पर HC सख्त
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Published : Sep 8, 2021, 7:08 PM IST

नैनीताल: हाइकोर्ट ने देहरादून से गणेशपुर सहारनपुर के बीच बन रहे 19.5 किलोमीटर नेशनल हाईवे के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि शिवालिक रेंज में जो 1600 पेड़ काटे जा रहे हैं, उसकी भरपाई के लिए सरकार व वन विभाग कितने पेड़ और कहां लगा रहे हैं. साथ ही डीएफओ को 24 सितंबर को कोर्ट में पेश होकर जवाब देने के आदेश दिए हैं.

मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई. मामले में हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि केंद्र सरकार की योजना के तहत देहरादून से गणेशपुर के निकट सहारनपुर यूपी के बीच 19.5 किलोमीटर का नेशनल हाईवे बनाया जा रहा है. जिसमें 3 किलोमीटर का हाईवे देहरादून व राजाजी नेशनल पार्क के ईको सेंसटिव जोन से होकर गुजर रहा है.

रोड का चौड़ीकरण होने से ईको सेंसटिव जोन का 9 हैक्टेयर क्षेत्रफल कम हो रहा है, जिसका वहां पर विचरण करने वाले वन्य जीवों के क्षेत्र पर प्रभाव पड़ रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि रोड का चौड़ीकरण होने से करीब 2700 पेड़ काटे जाने हैं, जिनकी उम्र करीब 100 से 150 साल है. इन पेड़ों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है.

ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, SC से वापस लेगी SLP

याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में केंद्र सरकार को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है. राज्य सरकार के मुख्य वन प्रतिपालक मौके का मुआयना करता है, जो नहीं किया गया और सीधे अनुमति दे दी गयी. याचिकाकर्ता का कहना है कि जो क्षेत्र ईको सेंसटिव जोन का काम कर रहा हो रहा है, उसके बदले कहीं अन्य क्षेत्र में इसका विस्तार नहीं किया जा सकता.

जिसके कारण विचरण करने वाले जीवों के क्षेत्रफल पर असर पड़ रहा है. इसकी जांच कराई जाये. जबकि कोर्ट ने इसके निर्माण पर पहले ही रोक लगा रखी है. अभीतक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है. न ही कोई सुझाव दिया गया है.

नैनीताल: हाइकोर्ट ने देहरादून से गणेशपुर सहारनपुर के बीच बन रहे 19.5 किलोमीटर नेशनल हाईवे के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि शिवालिक रेंज में जो 1600 पेड़ काटे जा रहे हैं, उसकी भरपाई के लिए सरकार व वन विभाग कितने पेड़ और कहां लगा रहे हैं. साथ ही डीएफओ को 24 सितंबर को कोर्ट में पेश होकर जवाब देने के आदेश दिए हैं.

मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई. मामले में हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि केंद्र सरकार की योजना के तहत देहरादून से गणेशपुर के निकट सहारनपुर यूपी के बीच 19.5 किलोमीटर का नेशनल हाईवे बनाया जा रहा है. जिसमें 3 किलोमीटर का हाईवे देहरादून व राजाजी नेशनल पार्क के ईको सेंसटिव जोन से होकर गुजर रहा है.

रोड का चौड़ीकरण होने से ईको सेंसटिव जोन का 9 हैक्टेयर क्षेत्रफल कम हो रहा है, जिसका वहां पर विचरण करने वाले वन्य जीवों के क्षेत्र पर प्रभाव पड़ रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि रोड का चौड़ीकरण होने से करीब 2700 पेड़ काटे जाने हैं, जिनकी उम्र करीब 100 से 150 साल है. इन पेड़ों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में केंद्र सरकार को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है. राज्य सरकार के मुख्य वन प्रतिपालक मौके का मुआयना करता है, जो नहीं किया गया और सीधे अनुमति दे दी गयी. याचिकाकर्ता का कहना है कि जो क्षेत्र ईको सेंसटिव जोन का काम कर रहा हो रहा है, उसके बदले कहीं अन्य क्षेत्र में इसका विस्तार नहीं किया जा सकता.

जिसके कारण विचरण करने वाले जीवों के क्षेत्रफल पर असर पड़ रहा है. इसकी जांच कराई जाये. जबकि कोर्ट ने इसके निर्माण पर पहले ही रोक लगा रखी है. अभीतक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है. न ही कोई सुझाव दिया गया है.

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