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फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में एकलपीठ के आदेश पर रोक, HC ने इन्हें जारी किया नोटिस - यूकेएसएसएससी ने खंडपीठ में चुनौती दी

उत्तराखंड में फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में बड़ी खबर है. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एकलपीठ के उस आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है, जिसमें पेपर लीक के आरोपियों को मेरिट में शामिल करने का आदेश दिया गया था.

Nainital High Court Stay on Single Bench
नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : May 2, 2023, 7:02 PM IST

नैतीतालः उत्तराखंड में फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही विपक्षी प्रीति समेत 3 अन्य को नोटिस जारी किया है.

बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक के आरोपियों को मेरिट लिस्ट में शामिल करने के आदेश दिए थे. एकलपीठ में इन आरोपियों ने कहा था कि उनके खिलाफ चार्जशीट निरस्त कर दी है. लिहाजा, उनको नौकरी दी जाए और मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाए. 2 मार्च 2022 को एकलपीठ ने इन आरोपियों के पक्ष में फैसला दिया था. जिसको यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी है. जिस पर आज मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में सुनवाई हुई.
ये भी पढ़ेंः UKSSSC Paper Leak के आरोपी लखनऊ के प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राजेश चौहान को मिली जमानत

दरअसल, साल 2018 में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक में 100 से ज्यादा आरोपी बनाए गए थे. जिन पर व्हाट्सएप और ब्लूटूथ से पेपर लीक करने का आरोप था, लेकिन बाद में आरोपियों ने हाईकोर्ट में कहा कि उनके खिलाफ चार्जशीट निरस्त हो गई है. लिहाजा, उनको नौकरी दी जाए. एकलपीठ ने उनके हक में फैसला सुना दिया. उस आदेश को यूकेएसएसएससी ने खंडपीठ में चुनौती दी. यूकेएसएसएससी ने अपनी विशेष अपील में कहा है कि इन्हें न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली थी. उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ न्यायालय में आपसी समझौता कर लिया था. इसलिए इनको इसका लाभ नहीं दिया जा सकता.

नैतीतालः उत्तराखंड में फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही विपक्षी प्रीति समेत 3 अन्य को नोटिस जारी किया है.

बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने फॉरेस्ट गार्ड पेपर लीक के आरोपियों को मेरिट लिस्ट में शामिल करने के आदेश दिए थे. एकलपीठ में इन आरोपियों ने कहा था कि उनके खिलाफ चार्जशीट निरस्त कर दी है. लिहाजा, उनको नौकरी दी जाए और मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाए. 2 मार्च 2022 को एकलपीठ ने इन आरोपियों के पक्ष में फैसला दिया था. जिसको यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी है. जिस पर आज मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में सुनवाई हुई.
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दरअसल, साल 2018 में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती पेपर लीक में 100 से ज्यादा आरोपी बनाए गए थे. जिन पर व्हाट्सएप और ब्लूटूथ से पेपर लीक करने का आरोप था, लेकिन बाद में आरोपियों ने हाईकोर्ट में कहा कि उनके खिलाफ चार्जशीट निरस्त हो गई है. लिहाजा, उनको नौकरी दी जाए. एकलपीठ ने उनके हक में फैसला सुना दिया. उस आदेश को यूकेएसएसएससी ने खंडपीठ में चुनौती दी. यूकेएसएसएससी ने अपनी विशेष अपील में कहा है कि इन्हें न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली थी. उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ न्यायालय में आपसी समझौता कर लिया था. इसलिए इनको इसका लाभ नहीं दिया जा सकता.

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