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श्रीनगर अलकनंदा स्टोन क्रशर के संचालन पर अग्रिम आदेश तक लगी रोक बढ़ी, 2023 में अगली सुनवाई

नैनीताल हाईकोर्ट से श्रीनगर के अलकनंदा स्टोन क्रशर को राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने स्टोन क्रशर के संचालन पर अग्रिम आदेश तक लगी रोक को बढ़ा दी है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी 2023 की तिथि नियत की गई है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Sep 1, 2022, 7:03 PM IST

नैनीतालः श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में स्थापित अलकनंदा स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने स्टोन क्रशर के संचालन पर लगी रोक को अग्रिम आदेश तक जारी रखा है. मामले की अगली सुनवाई अब 12 जनवरी 2023 को होगी.

गौर हो कि श्रीनगर के फरासू निवासी नरेंद्र सिंह सेंधवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में सरकार ने स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति (Stone Crusher in Srinagar) दी है. जबकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. यहां स्टोन क्रशर लगाने से आसपास के पर्यावरण और परंपरागत पेयजल स्रोतों को भी नुकसान हो रहा है. गौरा देवी एवं राज राजेश्वरी मंदिरों के अस्तित्व को भी खतरा उत्पन्न हो गया है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर में SDM को स्टोन क्रशर में मिली खामियां, रामनगर में एक्शन में दिखा वन महकमा

बता दें कि इससे पहले भी 8 अप्रैल 2022 को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई थी. उस समय नैनीताल हाईकोर्ट ने श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में संचालित अलकनंदा स्टोन क्रशर पर रोक (Alaknanda Stone Crusher) लगाई थी. साथ ही कोर्ट ने राज्य के औद्योगिक, वन सचिव, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम पौड़ी, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड और अन्य से शपथ पत्र मांगा था. आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने क्रशर पर लगी रोक को और बढ़ा दी है.

नैनीतालः श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में स्थापित अलकनंदा स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने स्टोन क्रशर के संचालन पर लगी रोक को अग्रिम आदेश तक जारी रखा है. मामले की अगली सुनवाई अब 12 जनवरी 2023 को होगी.

गौर हो कि श्रीनगर के फरासू निवासी नरेंद्र सिंह सेंधवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में सरकार ने स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति (Stone Crusher in Srinagar) दी है. जबकि, स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. यहां स्टोन क्रशर लगाने से आसपास के पर्यावरण और परंपरागत पेयजल स्रोतों को भी नुकसान हो रहा है. गौरा देवी एवं राज राजेश्वरी मंदिरों के अस्तित्व को भी खतरा उत्पन्न हो गया है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.

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बता दें कि इससे पहले भी 8 अप्रैल 2022 को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई थी. उस समय नैनीताल हाईकोर्ट ने श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में संचालित अलकनंदा स्टोन क्रशर पर रोक (Alaknanda Stone Crusher) लगाई थी. साथ ही कोर्ट ने राज्य के औद्योगिक, वन सचिव, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम पौड़ी, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड और अन्य से शपथ पत्र मांगा था. आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने क्रशर पर लगी रोक को और बढ़ा दी है.

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