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रामनगर रेप और हत्याकांड: हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बताया सही, उम्र कैद की सजा बरकरार

इससे पहले निचली अदालत ने भी पवन को रेप और हत्या का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

nainital
हाई कोर्ट
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Published : Feb 26, 2020, 11:36 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बच्ची से रेप और हत्या के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. दोषी को इससे पहले जिला कोर्ट ने भी उम्र कैद की सजा सुनाई थी. जिला कोर्ट के फैसले को दोषी ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन हाई कोर्ट ने दोषी की याचिका को खारिज कर दिया और निजली अदालत के फैसले को सही बताया.

जानकारी के मुताबिक दोषी पवन सैनी ने साल 2014 में रामनगर में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था. दुष्कर्म के बाद दोषी ने लड़की का गला घोंटकर हत्या कर दी थी. दोषी ने हत्या के बाद शव को जंगल में फेंक दिया था. लड़की के परिजनों ने उसकी काफी तलाश की थी, लेकिन उसका कोई पता नहीं लगा. हालांकि इसी बीच किसी ने परिजनों को बताया कि उन्हें उनकी लड़की को पवन के साथ देखा था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने पवन से पूछताछ की लेकिन उसने कुछ नहीं बताया. बाद में जब लोगों ने पवन की पिटाई की तो उसने सच्चाई बताई.

पढ़ें- फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा का मामला: UKPSC समीक्षा अधिकारी निकला मास्टर माइंड

इसके बाद लड़की के पिता ने दोषी पवन के खिलाफ रामनगर कोतवाली में तहरीर दी. जिसके बाद पुलिस ने पवन को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया. ट्रायल के दौरान जिला कोर्ट ने पवन को लड़की के रेप और हत्या का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

निचली अदालत के फैसले को पवन ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उसने अपनी याचिक में कोर्ट से कहा था कि पुलिस ने उसे फंसाया है. लेकिन हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ को पवन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. जिसके आधार पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही मानते हुए दोषी की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखी.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बच्ची से रेप और हत्या के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. दोषी को इससे पहले जिला कोर्ट ने भी उम्र कैद की सजा सुनाई थी. जिला कोर्ट के फैसले को दोषी ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन हाई कोर्ट ने दोषी की याचिका को खारिज कर दिया और निजली अदालत के फैसले को सही बताया.

जानकारी के मुताबिक दोषी पवन सैनी ने साल 2014 में रामनगर में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था. दुष्कर्म के बाद दोषी ने लड़की का गला घोंटकर हत्या कर दी थी. दोषी ने हत्या के बाद शव को जंगल में फेंक दिया था. लड़की के परिजनों ने उसकी काफी तलाश की थी, लेकिन उसका कोई पता नहीं लगा. हालांकि इसी बीच किसी ने परिजनों को बताया कि उन्हें उनकी लड़की को पवन के साथ देखा था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने पवन से पूछताछ की लेकिन उसने कुछ नहीं बताया. बाद में जब लोगों ने पवन की पिटाई की तो उसने सच्चाई बताई.

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इसके बाद लड़की के पिता ने दोषी पवन के खिलाफ रामनगर कोतवाली में तहरीर दी. जिसके बाद पुलिस ने पवन को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया. ट्रायल के दौरान जिला कोर्ट ने पवन को लड़की के रेप और हत्या का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

निचली अदालत के फैसले को पवन ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उसने अपनी याचिक में कोर्ट से कहा था कि पुलिस ने उसे फंसाया है. लेकिन हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ को पवन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. जिसके आधार पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही मानते हुए दोषी की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखी.

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