नैनीताल: आधुनिक दौर में युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती ही जा रही है. दिनों- दिन हालात चिंताजनक बनते जा रहे है. जिसको लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन 28 सितंबर को देहरादून से संकल्प नशा मुक्त अभियान शुरू करने जा रहे हैं. जिसके तहत उत्तराखंड में तेजी से फैल रहे नशे के कारोबार को जड़ से खत्म किया जा सके. देहरादून से इस अभियान को शुरू करने के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जिला विधिक प्राधिकरण की टीम इस मुहिम से जुड़ेगी. जो गांव-गांव जाकर युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश देगी.
गौर हो कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य जिला जज जी के शर्मा ने बताया कि नशे के खिलाफ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण प्रदेश भर में व्यापक अभियान चलाएगा. जिसके लिए उनके द्वारा जिलों में टास्कफोर्स का गठन किया गया है. जिसमें पुलिस, वन, राजस्व, न्यायिक, प्रशासनिक, एनजीओ और नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों को रखा गया है. जो नशे की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करेगा.
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साथ ही नशे के कारोबार को रोकने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है, जिसमें स्थानीय लोग नशे के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे. वहीं अब तक नशे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रदेशभर के जिलों में करीब 900 के आसपास वॉलिंटियर इस अभियान से जुड़ चुके हैं. जो ड्रग्स, स्मैक समेत अन्य नशे की वस्तुओं को बेचने खरीदने और फैलाने वालों को चिन्हित करने का काम कर रहे हैं. इस दौरान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य एवं जिला जज जी के शर्मा ने बताया कि नशे की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा गरीब तबके के बच्चों में देखने को मिल रही है.
क्योंकि इन बच्चों को नशे के सौदागर अपना निशाना बना रहे हैं. जिसके बाद यही बच्चे नशीला पदार्थ खरीदने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं. साथ ही इसी वजह से समाज में अपराध भी बढ़ रहे हैं, इसीलिए नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को गंभीरता से लेते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन ने ये बीड़ा उठाया है.