नैनीतालः प्रदेश में 108 इमरजेंसी सेवा के टेंडर में हुई अनियमितता का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही 108 सेवा संचालित कर रही कैंप कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बता दें कि देहरादून निवासी अनु पंत ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में बीते नवंबर 2018 से शुरू हुई 108 सेवा के टेंडर में काफी अनियमितता हैं. जिसमें सरकार ने 108 सेवा संचालन करने का टेंडर उस कंपनी को दिया है, जो पहले प्रदेश में शव वाहन चलाने का काम करती थी.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल पहुंचे वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा- जल्द शुरू होगी 1200 फोरेस्ट गार्डों की भर्ती
याचिका में कहा गया है कि बीते दो महीने के भीतर इस कंपनी की 11 एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं. इसमें अनुभवी ड्राइवर नियुक्त नहीं किए गए हैं. साथ ही कहा कि मरीजों के इलाज के लिए मात्र तीन दिन की प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों और टेक्नीशियन को 108 में नियुक्त किया गया है. जो सीधे मरीजों के साथ खिलवाड़ है.
वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे पहले 108 सेवा का संचालन करने वाली कंपनी ने कोई हादसा नहीं किया है. ना ही कोई अयोग्य कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था. लिहाजा 108 सेवा के लिए फिर से टेंडर किया जाना चाहिए.
इसी कड़ी में अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को दो हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने 108 सेवा संचालित करने वाली कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.