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UKPSC में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का मामला, HC ने 4 सप्ताह में सरकार से मांगा जवाब - मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी

नैनीताल हाईकोर्ट ने आज उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा पीसीएस परीक्षा की संशोधित कटऑफ अंक सूची में आरक्षित श्रेणी की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

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Published : Oct 11, 2022, 5:21 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस परीक्षा की संशोधित कटऑफ अंक सूची में आरक्षित श्रेणी की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने (30 percent horizontal reservation to women) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी (Chief Justice Vipin Sanghi and Justice Manoj Kumar Tiwari) की खंडपीठ ने आयोग को आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कटऑफ अंक सूची जारी करने को कहा है. साथ ही खंडपीठ ने इस मामले में सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश निवासी सत्य देव त्यागी एवं अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर कहा है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 22 सितंबर, 2022 को हुई पीसीएस परीक्षा की संशोधित कट-ऑफ अंक सूची प्रकाशित की है. इस सूची में उत्तराखंड महिला आरक्षण अभी भी आरक्षित श्रेणी के पदों पर (एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण लागू किया जा रहा है.

पढ़ें- LT शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम का रास्ता साफ, आंसर की से जुड़ी याचिकाएं खारिज

ऐसे में याचिकाकर्ता का कहना है कि आयोग आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कटऑफ अंक सूची जारी करें. लिहाजा, कोर्ट ने इस मामले को सुनने के बाद आयोग को आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कटऑफ अंक सूची जारी करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को की जाएगी.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस परीक्षा की संशोधित कटऑफ अंक सूची में आरक्षित श्रेणी की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने (30 percent horizontal reservation to women) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी (Chief Justice Vipin Sanghi and Justice Manoj Kumar Tiwari) की खंडपीठ ने आयोग को आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कटऑफ अंक सूची जारी करने को कहा है. साथ ही खंडपीठ ने इस मामले में सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश निवासी सत्य देव त्यागी एवं अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कर कहा है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (Uttarakhand Public Service Commission) द्वारा 22 सितंबर, 2022 को हुई पीसीएस परीक्षा की संशोधित कट-ऑफ अंक सूची प्रकाशित की है. इस सूची में उत्तराखंड महिला आरक्षण अभी भी आरक्षित श्रेणी के पदों पर (एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण लागू किया जा रहा है.

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ऐसे में याचिकाकर्ता का कहना है कि आयोग आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कटऑफ अंक सूची जारी करें. लिहाजा, कोर्ट ने इस मामले को सुनने के बाद आयोग को आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए भी उत्तराखंड महिला आरक्षण के बिना संशोधित कटऑफ अंक सूची जारी करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को की जाएगी.

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