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उत्तरकाशी मनेरी भाली डैम के पास चट्टान तोड़ने का मामला, HC ने ठेकेदार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Uttarkashi Maneri Bhali Dam के पास चट्टान तोड़ने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में हाईकोर्ट ने संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया है. साथ ही 3 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में दायर याचिका पर कहा गया है कि डैम के पास चट्टानों को तोड़ने से गांव, मंदिर और जंगल को नुकसान पहुंच सकता है.

Nainital High Court
मनेरी भाली डैम
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2023, 4:59 PM IST

नैनीतालः उत्तरकाशी के मनेरी भाली डैम के पास स्थित चट्टान को तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने ठेकेदार अल्फा पेसिफिक सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी.

दरअसल, मनेरी भाली निवासी राजेंद्र सिंह चौहान ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मनेरी भाली डैम के पास एक चट्टान है. जिसे तोड़ने का ठेका डैम प्रबंधन ने दे दिया है. चट्टान के ऊपर गांव, पुराना मंदिर और जंगल है. इन चट्टानों को तोड़ने से गांव, मंदिर और जंगल को भविष्य में बड़ी क्षति हो सकती है.
ये भी पढ़ेंः मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना टनल में पानी का रिसाव, मंडरा रहा भू धंसाव का खतरा

याचिकाकर्ता का ये भी कहना था कि अगर डैम का पानी तेजी से बहेगा तो निचली तरफ स्थित कृषि भूमि को भी नुकसान हो सकता है. लिहाजा, उन्होंने जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि चट्टान के तोड़ने पर रोक लगाई जाए. ताकि, भविष्य में आने वाले संकट से बचा जा सके. उनका कहना है कि अगर चट्टान को तोड़ा गया तो भूस्खलन की घटना भी देखने को मिल सकती है. जिससे आगे काफी नुकसान हो सकता है.

वहीं, जनहित याचिका में सचिव ऊर्जा, सचिव वन एवं पर्यावरण, निदेशक जल विद्युत निगम, मनेरी भाली प्रोजेक्ट, जिलाधिकारी उत्तरकाशी, उप जिला अधिकारी भटवाड़ी, डीएफओ कोट बंगला और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है. जिस पर कोर्ट ने संबंधित ठेकेदार से जवाब मांगा है. यह जवाब उन्हें 3 हफ्ते के भीतर देना होगा.

नैनीतालः उत्तरकाशी के मनेरी भाली डैम के पास स्थित चट्टान को तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने ठेकेदार अल्फा पेसिफिक सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी.

दरअसल, मनेरी भाली निवासी राजेंद्र सिंह चौहान ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मनेरी भाली डैम के पास एक चट्टान है. जिसे तोड़ने का ठेका डैम प्रबंधन ने दे दिया है. चट्टान के ऊपर गांव, पुराना मंदिर और जंगल है. इन चट्टानों को तोड़ने से गांव, मंदिर और जंगल को भविष्य में बड़ी क्षति हो सकती है.
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याचिकाकर्ता का ये भी कहना था कि अगर डैम का पानी तेजी से बहेगा तो निचली तरफ स्थित कृषि भूमि को भी नुकसान हो सकता है. लिहाजा, उन्होंने जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि चट्टान के तोड़ने पर रोक लगाई जाए. ताकि, भविष्य में आने वाले संकट से बचा जा सके. उनका कहना है कि अगर चट्टान को तोड़ा गया तो भूस्खलन की घटना भी देखने को मिल सकती है. जिससे आगे काफी नुकसान हो सकता है.

वहीं, जनहित याचिका में सचिव ऊर्जा, सचिव वन एवं पर्यावरण, निदेशक जल विद्युत निगम, मनेरी भाली प्रोजेक्ट, जिलाधिकारी उत्तरकाशी, उप जिला अधिकारी भटवाड़ी, डीएफओ कोट बंगला और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है. जिस पर कोर्ट ने संबंधित ठेकेदार से जवाब मांगा है. यह जवाब उन्हें 3 हफ्ते के भीतर देना होगा.

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