नैनीतालः बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला (Uttarakhand Scholarship Scam) मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून के पूर्व सहायक समाज कल्याण अधिकारी और वर्तमान में नैनीताल के जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को अग्रिम जमानत दे दी है. साथ ही मामले में सरकार से तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.
गौर हो कि देहरादून में सहायक समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए दीपांकर घिल्डियाल (Dipankar Ghildiyal) पर लैंडमार्क फाउंडेशन ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट देहरादून में अध्ययनरत छात्रों के सत्यापन में गलत रिपोर्ट देने का आरोप है. उनके खिलाफ देहरादून के बसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज है और उनकी अग्रिम जमानत याचिका देहरादून की अदालत से खारिज हो चुकी है.
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जिसके बाद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक और अग्रिम जमानत के लिए नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) में याचिका दायर की है. सोमवार को न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने दीपांकर घिल्डियाल की अग्रिम जमानत मंजूर कर दी. साथ ही सरकार से तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा.
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नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होगा. साथ ही उन्हें 30-30 हजार के दो जमानती पेश करने होंगे. इतना ही नहीं जमानत की अवधि के दौरान उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी.