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प्राथमिक शिक्षक संघ निर्वाचन प्रक्रिया मामला, HC ने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के आदेश पर लगाई रोक

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Published : Nov 23, 2021, 9:08 PM IST

प्राथमिक शिक्षक संघ की निर्वाचन प्रक्रिया एवं संयोजक मंडल भंग करने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के आदेश उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

nainital high court
उत्तराखंड हाईकोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक संघ की निर्वाचन प्रक्रिया एवं संयोजक मंडल भंग करने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के आदेश पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

बता दें कि 2018 में उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के हुए निर्वाचन में विवादों के चलते तत्समय संगठन के सदस्य शिक्षक सुरेश चंद्र उप्रेती ने नैनीताल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. जिसमें उप निबंधक, सोसायटीज देहरादून द्वारा वादी/प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद 1 मई 2021 को संगठन के 18 और 19 सितंबर 2018 को हुए प्रान्तीय निर्वाचन में संगठन संविधान की विभिन्न धाराओं, उपधाराओं का उल्लंघन का दोषी मानते हुए निर्वाचन को अमान्य घोषित कर दिया गया.

इसके साथ ही वर्तमान महासभा को नवीन कार्यकारिणी के निर्वाचन कराने तथा सोसायटी में पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए. इसी क्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने 18 जून 2021 को पत्र जारी कर पदाधिकारियों को अमान्य घोषित करते हुए नवीन निर्वाचन तक वार्ता से इनकार कर दिया गया.

वहीं, संगठन के नवीन निर्वाचन तक संगठन के संचालित दोनों खातों से निकासी पर बैंक द्वारा रोक लगा दी गई, लेकिन अमान्य पदाधिकारियों द्वारा पद पर बने रहने की जिद की शिकायत पर शासन ने संज्ञान लेते हुए 3 अगस्त 2021 को निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से 13 जनपदों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित कर संयोजक मंडल गठित करने को कहा था.

ये भी पढ़ें: नैनीताल में अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति, अतिक्रमणकारी ने आत्महत्या की दी चेतावनी

जिसके अनुपालन में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी, सहसपुर को निर्वाचन अधिकारी नामित करते हुए 21 सितंबर 2021 को तेरह जनपदों द्वारा सर्वसम्मति से संयोजक मंडल गठित किया गया. संयोजक मंडल द्वारा पंजीकृत संविधान अनुसार निर्वाचन प्रक्रिया संपादित करने के लिए मुख्य संयोजक जिलाध्यक्ष देहरादून को अधिकृत किया गया.

मुख्य संयोजक ने निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ कर निर्वाचक नामावली का पंजीकृत संविधान अनुसार अंतिम प्रकाशन करते हुए 14 नवंबर 2021 को अधिवेशन की तिथि निर्धारित कर दी गई, लेकिन निदेशक प्रारंभिक शिक्षा द्वारा शिक्षक प्रतिनिधियों की आपत्ति का हवाला देते हुए पहले 21 अक्टूबर 2021 को निर्वाचन प्रक्रिया अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दी गई और पुन: 1 नवंबर 2021 को निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त करते हुए संयोजक मंडल को भंग करने के आदेश पारित कर दिए गए.

निदेशक द्वारा पारित निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त कर संयोजक मंडल भंग करने के आदेश को शिक्षक सुरेश उप्रेती ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल में पुनः चुनौती दी कि शासन के निर्देशानुसार गतिमान निर्वाचन प्रक्रिया एवं तेरह जनपदों द्वारा गठित संयोजक मंडल को भंग करने का अधिकार निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को नहीं है. इसलिए वर्तमान संचालित निर्वाचन प्रक्रिया को संपादित होने दिया जाए. जिस पर न्यायालय ने निदेशक के निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त करने एवं संयोजक मंडल भंग करने के आदेशों पर रोक लगा दी है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक संघ की निर्वाचन प्रक्रिया एवं संयोजक मंडल भंग करने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के आदेश पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

बता दें कि 2018 में उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के हुए निर्वाचन में विवादों के चलते तत्समय संगठन के सदस्य शिक्षक सुरेश चंद्र उप्रेती ने नैनीताल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. जिसमें उप निबंधक, सोसायटीज देहरादून द्वारा वादी/प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद 1 मई 2021 को संगठन के 18 और 19 सितंबर 2018 को हुए प्रान्तीय निर्वाचन में संगठन संविधान की विभिन्न धाराओं, उपधाराओं का उल्लंघन का दोषी मानते हुए निर्वाचन को अमान्य घोषित कर दिया गया.

इसके साथ ही वर्तमान महासभा को नवीन कार्यकारिणी के निर्वाचन कराने तथा सोसायटी में पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए. इसी क्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने 18 जून 2021 को पत्र जारी कर पदाधिकारियों को अमान्य घोषित करते हुए नवीन निर्वाचन तक वार्ता से इनकार कर दिया गया.

वहीं, संगठन के नवीन निर्वाचन तक संगठन के संचालित दोनों खातों से निकासी पर बैंक द्वारा रोक लगा दी गई, लेकिन अमान्य पदाधिकारियों द्वारा पद पर बने रहने की जिद की शिकायत पर शासन ने संज्ञान लेते हुए 3 अगस्त 2021 को निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से 13 जनपदों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित कर संयोजक मंडल गठित करने को कहा था.

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जिसके अनुपालन में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी, सहसपुर को निर्वाचन अधिकारी नामित करते हुए 21 सितंबर 2021 को तेरह जनपदों द्वारा सर्वसम्मति से संयोजक मंडल गठित किया गया. संयोजक मंडल द्वारा पंजीकृत संविधान अनुसार निर्वाचन प्रक्रिया संपादित करने के लिए मुख्य संयोजक जिलाध्यक्ष देहरादून को अधिकृत किया गया.

मुख्य संयोजक ने निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ कर निर्वाचक नामावली का पंजीकृत संविधान अनुसार अंतिम प्रकाशन करते हुए 14 नवंबर 2021 को अधिवेशन की तिथि निर्धारित कर दी गई, लेकिन निदेशक प्रारंभिक शिक्षा द्वारा शिक्षक प्रतिनिधियों की आपत्ति का हवाला देते हुए पहले 21 अक्टूबर 2021 को निर्वाचन प्रक्रिया अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दी गई और पुन: 1 नवंबर 2021 को निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त करते हुए संयोजक मंडल को भंग करने के आदेश पारित कर दिए गए.

निदेशक द्वारा पारित निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त कर संयोजक मंडल भंग करने के आदेश को शिक्षक सुरेश उप्रेती ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल में पुनः चुनौती दी कि शासन के निर्देशानुसार गतिमान निर्वाचन प्रक्रिया एवं तेरह जनपदों द्वारा गठित संयोजक मंडल को भंग करने का अधिकार निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को नहीं है. इसलिए वर्तमान संचालित निर्वाचन प्रक्रिया को संपादित होने दिया जाए. जिस पर न्यायालय ने निदेशक के निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त करने एवं संयोजक मंडल भंग करने के आदेशों पर रोक लगा दी है.

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