नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निलंबित आईएफएस व कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett tiger reserve) के कालागढ़ वन प्रभाग के निलंबित तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने व उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के मामले में सुनवाई की. वहीं, इस मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने अग्रिम आदेश तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उनसे 26 सितंबर को जांच अधिकारी के सम्मुख पेश होने के आदेश दिए हैं. सरकार को आदेश दिए हैं कि इस मामले की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें.
आईएफएस किशन चंद (IFS Kishan Chand) की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि उन पर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. विभागीय अधिकारियों की अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य कराये गये हैं.
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बता दें कि याचिकाकर्ता पर कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी व पाखरो में अवैध तरीके से निर्माण कार्य के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है. जांच में भी इसकी पुष्टि भी हुई है. जिसके बाद सरकार ने कुछ समय पहले किशन चंद को निलंबित कर दिया था. वहीं, अब इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक किशन चंद की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए 26 सितंबर को उनको जांच अधिकारी के सामने पेश होने के आदेश दिये हैं.