नैनीताल: सूबे में बंद पड़े स्लॉटर हाउस मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दिए हलफनामे पर असंतुष्टि जताई है. उधर, सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है. जिस पर हाई कोर्ट ने सरकार से 1 मार्च तक एसएलपी स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लॉटर हाउस को बन्द करने के आदेश दिये थे. इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि सूबे में खुले में किसी भी प्रकार के जानवर ना काटे जाए. जिसके बाद प्रदेश में सभी स्लॉटर हाउस बंद कर दिये गए थे.
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वहीं, नैनीताल हाई कोर्ट के इस आदेश को राज्यभर के मीट कारोबारियों ने चुनौती दी थी. जिसमें कहा गया था कि उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा 9दिसंबर 2011 को एक आदेश दिया गया था. जिसमें प्रदेश में सरकार मानक के अनुसार स्लॉटर हाउस बना सकती है. लेकिन कोर्ट के आदेश का आठ साल बाद भी राज्य सरकार ने अनुपालन नहीं करवाया. जिस वजह से सूबे में स्लॉटर हाउस का मामला अधर में लटका है. साथ ही स्लॉटर हाउस को लेकर कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के अनुसार उचित कार्रवाई की जाए.
बुधवार को सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हलफनामे में कहा गया है कि स्लाटर हाउस बनाने के लिए संबंधित विभागों की कमेटियां गठित की जा चुकी हैं. जिन निकायों में स्लाटर हाउस हैं, उन्हें अपग्रेड करने को कहा गया है. इसके अलावा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. जिससे मीट कारोबारियों को थोड़ी राहत मिल सके. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायधीश रमेश चन्द्र खुल्बे की खण्डपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से एसएलपी की स्टेटस रिपोर्ट 1 मार्च को कोर्ट में पेश करने का आदेश सुनाया है.