नैनीतालः बदहाल क्वारंटाइन सेंटर और कोरोना अस्पतालों की बदहाली के मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव द्वारा जवाब पेश न करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जमकर फटकार लगाई है. साथ ही स्वास्थ्य सचिव को आगामी 23 जून को एक बार फिर से विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.
बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 6 अस्पतालों को कोविड-19 के रूप में स्थापित किया है. लेकिन इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है. जिसके बाद देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने भी उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.
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वहीं, बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है. साथ ही माना कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है. न ही ग्राम प्रधानों के पास कोई फंड उपलब्ध है.
मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार और स्वास्थ्य सचिव को जवाब पेश करने का आदेश दिया था. इस आदेश के तहत जिला विधिक प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर क्वारंटाइन सेंटरों की कमियों को 14 दिन के अंदर दूर कर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था. लेकिन बुधवार को स्वास्थ्य सचिव की ओर से कोर्ट में जवाब पेश नहीं किया गया, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है.