नैनीताल: सितारगंज में भाजयुमो भाजपा नेताओं के द्वारा फेसबुक पर साप्ताहिक अखबार के संपादक के खिलाफ अभद्र भाषा और अशोभनीय टिप्पणी का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंचा था. कोर्ट ने इस मामले में भाजयुमो के 2 पूर्व मंडल अध्यक्षों समेत सात लोगों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया है.
फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट करना भाजपा नेताओं को महंगा पड़ा. आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में हाई कोर्ट ने सितारगंज में भाजयुमो के दो पूर्व मंडल अध्यक्ष समेत सात लोगों का गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया है. जिसके बाद अब इन सभी की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है.
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साप्ताहिक अखबार के संपादक ने सभी आरोपियों पर 20 लाख रुपए की मानहानि का दावा भी किया है. बता दें कि 25 मार्च 2017 को सितारगंज में भाजयुमो के दो पूर्व मंडल अध्यक्ष समेत सात लोगों द्वारा फेसबुक पर एक साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक रवि रस्तोगी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी, जिस पर 7 लोगों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
जिसके बाद रवि रस्तोगी ने अभद्र पोस्ट व टिप्पणी करने वाले सभी लोगों पर न्यायिक मजिस्ट्रेट खटीमा की अदालत में वाद दायर किया. वाद दायर होने के बाद 1 आरोपी प्रदीप अग्रवाल ने जमानत ले ली थी, लेकिन अन्य सात लोगों ने जमानत न कराते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए अदालत से स्टे लिया था. जिसके बाद संपादक रवि रस्तोगी ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
नैनीताल हाई कोर्ट की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पूरन चौहान, चंदन कश्यप समेत सात लोगों की गिरफ्तारी का स्टे खारिज कर दिया. साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सातों आरोपित 27 अगस्त से पहले ट्रायल कोर्ट खटीमा में पेश होकर जमानत कराए.