हल्द्वानी: शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली पहाड़ की वादियां अब धीरे-धीरे अपराधियों के लिए मुफीद ठिकाना साबित हो रहा है. पर्यटन के नाम पर यहां पर हत्या कर शव को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है. बात साल 2020 की करें तो नैनीताल जनपद में 52 अज्ञात शव बरामद किए गए, जिसमें पुलिस केवल 11 मामलों में ही शवों की शिनाख्त कर आगे की कार्रवाई कर पाई.
वहीं, बात कुमाऊं मंडल की करें तो बीते साल पूरे मंडल में 94 अज्ञात शव बरामद किए गए, जिसमें 25 शवों की ही शिनाख्त हो पाई. ऐसे में सबसे ज्यादा अज्ञात शवों की संख्या नैनीताल जनपद से सामने आई हैं. लेकिन नैनीताल एसएसपी प्रीति प्रदर्शनी का कहना है कि अज्ञात शव मिलने के मामले में शिनाख्त की कोशिश की जाएगी, लेकिन शिनाख्त हो सकें, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
ये भी पढ़ें: पेंटिंग को बनाया रोजगार का माध्यम, आज युवाओं को भी दिखा रहे रास्ता
उत्तराखंड पुलिस अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए लाख दावे कर ले, लेकिन पहाड़ की शांत वादियों में लगातार अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. हत्या, चोरी, डकैती और दुष्कर्म जैसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है.