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छात्रवृत्ति घोटालाः 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए चारों आरोपी, करोड़ों के गबन का है मामला

बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने शशांक जैन, रमेश अग्रवाल, आनंद प्रकाश गर्ग और अनिल कपूर को गिरफ्तार किया था. जिनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

छात्रवृत्ति घोटाला
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Published : Nov 16, 2019, 10:18 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 11:01 PM IST

नैनीतालः प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे चार आरोपियों को एसआईटी ने नैनीताल जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया. जहां पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी जेल भेज दिया है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

जानकारी देती सरकारी अधिवक्ता तनुजा वर्मा.

बता दें कि शुक्रवार को एसआईटी ने छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में शशांक जैन, रमेश अग्रवाल, आनंद प्रकाश गर्ग और अनिल कपूर को गिरफ्तार किया था. सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 466, 467,120बी, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने एसआईटी को घोटाले की जांच जल्द पूरा करने को कहा था. जिसके बाद एसआईटी ने समाज कल्याण विभाग नैनीताल से 2011-12 से लेकर 2019 तक दशमोत्तर छात्रवृत्ति का रिकॉर्ड खंगाला. इस दौरान टीम ने करीब 150 सरकारी और प्राइवेट इंटर कॉलेजों, उच्च शिक्षण संस्थानों के 1800 छात्रों का सत्यापन भी किया.

ये भी पढ़ेंः स्लॉटर हाउस मामले में हाईकोर्ट सख्त, नैनीताल DM समेत कई अधिकारियों को नोटिस

इसके अलावा उत्तराखंड से बाहर के राज्यों में 62 शिक्षण संस्थानों की जांच की गई. जहां पर समाज कल्याण विभाग नैनीताल की ओर से दशमोत्तर छात्रवृत्ति भेजने का मामला सामने आया. जिसमें यूपी के सहारनपुर जिले की कृष्णा आईटीआई कमालपुर, छतरपुर को भी जिला समाज कल्याण अधिकारी नैनीताल के कार्यालय से 7 छात्रों को करीब 28 लाख 91 हजार रुपये भेजे गए थे.

इन सभी छात्रों के खाते पंजाब नेशनल बैंक फतेहपुर में खोले गए थे. इस दौरान एसआईटी ने छात्रवृत्ति के लाभार्थी से पूछताछ की. इस दौरान एसआईटी को पता चला कि इनमें से कोई भी छात्र कृष्णा आईटीआई में कभी गया ही नहीं. साथ ही छात्रों ने बताया कि कुछ लोग 2014 में उनके पास आकर डिग्री और छात्रवृत्ति मिलने के झूठे आश्वासन देकर शैक्षणिक अभिलेख मांग कर ले गए थे.

उधर, एसआईटी ने जांच के बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक प्राइवेट आईटीआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जहां पर आईटीआई प्रबंधन, बिचौलियों और बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से 7 छात्रों के नाम पर करीब 2 लाख 90 हजार की छात्रवृत्ति के गबन का मामला सामने आया था.

नैनीतालः प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे चार आरोपियों को एसआईटी ने नैनीताल जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया. जहां पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी जेल भेज दिया है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

जानकारी देती सरकारी अधिवक्ता तनुजा वर्मा.

बता दें कि शुक्रवार को एसआईटी ने छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में शशांक जैन, रमेश अग्रवाल, आनंद प्रकाश गर्ग और अनिल कपूर को गिरफ्तार किया था. सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 466, 467,120बी, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने एसआईटी को घोटाले की जांच जल्द पूरा करने को कहा था. जिसके बाद एसआईटी ने समाज कल्याण विभाग नैनीताल से 2011-12 से लेकर 2019 तक दशमोत्तर छात्रवृत्ति का रिकॉर्ड खंगाला. इस दौरान टीम ने करीब 150 सरकारी और प्राइवेट इंटर कॉलेजों, उच्च शिक्षण संस्थानों के 1800 छात्रों का सत्यापन भी किया.

ये भी पढ़ेंः स्लॉटर हाउस मामले में हाईकोर्ट सख्त, नैनीताल DM समेत कई अधिकारियों को नोटिस

इसके अलावा उत्तराखंड से बाहर के राज्यों में 62 शिक्षण संस्थानों की जांच की गई. जहां पर समाज कल्याण विभाग नैनीताल की ओर से दशमोत्तर छात्रवृत्ति भेजने का मामला सामने आया. जिसमें यूपी के सहारनपुर जिले की कृष्णा आईटीआई कमालपुर, छतरपुर को भी जिला समाज कल्याण अधिकारी नैनीताल के कार्यालय से 7 छात्रों को करीब 28 लाख 91 हजार रुपये भेजे गए थे.

इन सभी छात्रों के खाते पंजाब नेशनल बैंक फतेहपुर में खोले गए थे. इस दौरान एसआईटी ने छात्रवृत्ति के लाभार्थी से पूछताछ की. इस दौरान एसआईटी को पता चला कि इनमें से कोई भी छात्र कृष्णा आईटीआई में कभी गया ही नहीं. साथ ही छात्रों ने बताया कि कुछ लोग 2014 में उनके पास आकर डिग्री और छात्रवृत्ति मिलने के झूठे आश्वासन देकर शैक्षणिक अभिलेख मांग कर ले गए थे.

उधर, एसआईटी ने जांच के बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक प्राइवेट आईटीआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जहां पर आईटीआई प्रबंधन, बिचौलियों और बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से 7 छात्रों के नाम पर करीब 2 लाख 90 हजार की छात्रवृत्ति के गबन का मामला सामने आया था.

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प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपियों को नैनीताल जिला न्यायालय ने भेजा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल।

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प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में नैनीताल जिला न्यायालय ने चार आरोपियों शशांक जैन रमेश अग्रवाल आनंद प्रकाश गर्ग समेत अनिल कपूर को घोटाले के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी जेल भेज दिया है, इन सभी पर आईपीसी की धारा 420, 466, 467,120 बी, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, इन चारों आरोपियों को कल एसआईटी के द्वारा गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद एसआईटी ने चारों को आज नैनीताल जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया।


Body:प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में एसआईटी ने आज दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले मामले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर नैनीताल कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हल्द्वानी जेल भेज दिया है।
एसआईटी ने जांच के बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की एक प्राइवेट आईटीआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, आईटीआई प्रबंधन ने बिचौलियों और बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से 7 छात्रों के नाम पर करीब 2 लाख 90 हाजर की छात्रवृत्ति का गबन किया था।
वहीं पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट ने घोटाले की जांच एसआईटी से जल्द पूरी करने को कहा था।


Conclusion:जिसके बाद एसआईटी द्वारा समाज कल्याण विभाग नैनीताल से 2011-12 से लेकर 2019 तक दशमोत्तर छात्रवृत्ति का रिकॉर्ड लिया गया, इस दौरान टीम द्वारा करीब 150 सरकारी और प्राइवेट इंटर कॉलेजों,उच्च शिक्षण संस्थानों के 1800 छात्रों का सत्यापन किया गया इसके अलावा उत्तराखंड से बाहर के राज्यों में 62 शिक्षण संस्थानों की जाच की गई,
जहाँ समाज कल्याण विभाग नैनीताल द्वारा दशमोत्तर छात्रवृत्ति भेजी गई थी, एसआईटी के आधार पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की कृष्णा आईटीआई कमालपुर छतरपुर को भी जिला समाज कल्याण अधिकारी नैनीताल के कार्यालय से 7 छात्रों की करीब 28 लाख 91 हाजर रुपये सहारनपुर भेजे गए, इन सातों छात्रों के खाते पंजाब नेशनल बैंक फतेहपुर में खोले गए थे, एसआईटी ने छात्रवृत्ति के लाभार्थी से पूछताछ की इस दौरान एसआईटी को पता लगा कि इनमें से कोई भी छात्र कृष्णा आईटीआई में कभी गया ही नहीं और छात्रों ने बताया कि कुछ लोग 2014 में उनके पास आकर डिग्री व छात्रवृत्ति मिलने के झूठे आश्वासन देकर शैक्षणिक अभिलेख मांग कर ले गए थे।

बाईट- तनुजा वर्मा, सरकारी अधिवक्ता।
Last Updated : Nov 16, 2019, 11:01 PM IST
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