हल्द्वानी: वैसे तो विजयदशमी हिंदुओं का पर्व है, लेकिन इस परिवार में मुस्लिम परिवार भी अपनी भागीदारी निभा रही है. हल्द्वानी के रामलीला ग्राउंड में दशहरे के मौके पर रावण,मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले का दहन किया जाना है. वहीं इस पर्व में मेरठ के रहने वाला मुस्लिम परिवार भागीदारी निभाते हुए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले को बनाने में लगा हुआ है. जो सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक भी है.
उत्तर प्रदेश मेरठ का रहने वाला एक परिवार इन दिनों हल्द्वानी के रामलीला मैदान में दशहरे के मौके पर जलाए जाने वाला रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों को तैयार कर रहा है. जिया खान ने बताया कि पिछले तीन पीढ़ियों से उनका परिवार दशहरे के पुतलों का निर्माण कर रहा है. जब उनकी उम्र 10 साल की थी तब से वह अपने दादा और पिता के साथ पुतला बनाने का काम शुरू किया था.
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हर साल दशहरे में आयोजित होने वाले पुतले का निर्माण कर अपने परिवार की आजीविका भी चलाते हैं. यही नहीं उनके साथ आठ कारीगर भी हैं, जो सभी मुस्लिम परिवार से हैं. आगे वह अपने बच्चों को भी पुतला निर्माण का काम सिखा रहे हैं जिससे इस परंपरा को आगे भी जीवित रखा जा सकें. पुतला बनाने वाले कारीगर मोहब्बत राशिद ने बताया कि वह अपने परंपरिक वेशभूषा पहनकर पुतले का निर्माण करते हैं जिससे की हिंदू मुस्लिम भाईचारे का संदेश दिया जा सकें.
इस बार बनाए गए पुतला इको फ्रेंडली हैं, जिससे प्रदूषण कम होगा. पिछले एक सप्ताह से पुतले के निर्माण में पिछले 8 लोग लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि इस बार रामलीला मैदान में जलाए जाने वाला पुतले की ऊंचाई 50 फीट से अधिक है. उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से कई राज्यों में घूम-घूम कर पुतला बनाने का काम करते आ रहे हैं.