हल्द्वानीः किसी जगह को कबाड़ से कैसे संवारा जा सकता है, इसका एक नमूना हल्द्वानी में देखने को मिल रहा है. जहां तिकोनिया चौराहा के पास कई प्रकार के कबाड़ और प्लास्टिक वेस्ट आदि से खूबसूरत पार्क तैयार किया जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता मनोज नेगी समेत अन्य लोग इसे संवारने में जुटे हैं. इसे वेस्ट टू वंडर पार्क का नाम दिया गया है. जिसका जल्द उद्घाटन किया जाएगा.
कबाड़ यानी वो चीजें जो आपके घर में बेकार पड़ी हुई हैं. जैसे पुराने टायर, प्लास्टिक की बोतलें, टिन आदि. अगर आप हल्द्वानी की वेस्ट टू वंडर पार्क आएंगे तो आप देखेंगे कि कबाड़ से पार्क तैयार किया जा रहा है. जहां बेकार पड़ी हुई प्लास्टिक बोतलों से छोटी-छोटी बाउंड्री वॉल तैयार की जा रही है. कुमाऊंनी संस्कृति का प्रतीक ऐपण कला से पार्क की दीवारों को सजाया जा रहा है. जबकि, बेकार पड़ी टिन से तितलियां बनाई जा रही है.
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वहीं, पुराने टायरों का इस्तेमाल प्लांटेशन के लिए किया जा रहा है. कुल मिलाकर जितना भी वेस्ट मटेरियल यानी कबाड़ है. उससे पार्क की सुंदरता को बढ़ाने का काम किया जा रहा है. पार्क में टूटी हुई टाइल्स और प्लास्टिक के डिब्बों का भी इस्तेमाल किया गया है. पार्क की दीवारों पर कुछ स्लोगन भी लिखे गए हैं. जिससे आम जनता को ये समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि 'प्लास्टिक का यूज न करें'.
हल्द्वानी के वेस्ट टू वंडर पार्क को बनाने में अपना योगदान देने वाली आर्टिस्ट पूजा का कहना है कि जनता को यह संदेश दिया जा रहा है कि कबाड़ पड़ी हुई चीजों को फेंकना नहीं है, बल्कि उनका किस तरह और कहां प्रयोग करना है. यह समझना बेहद जरूरी है. वेस्ट टू वंडर पार्क जब बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा, तब इसकी सुंदरता देखते ही बनेगी. इसके अलावा प्लास्टिक उन्मूलन के प्रति भी लोगों को जागरूक किए जाने की दिशा में संदेश भी दिया जाएगा.
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