हल्द्वानी: सुशीला तिवारी अस्पताल (Sushila Tiwari Hospital) में मरीजों के लिए बनाये गये लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट (liquid oxygen plant) के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला (corruption case) सामने आया है. आरोप है कि कार्यदायी संस्था (executing agency) ने नए प्लांट की जगह पर पुराना प्लांट लगाकर गड़बड़झाला किया है. पूरे मामले में सांसद अजय भट्ट (MP Ajay Bhatt) ने प्लांट का निरीक्षण कर जिला अधिकारी को पत्र लिखकर कार्यदायी संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं.
मामला सामने आने के बाद आनन-फानन में कार्यदायी संस्था द्वारा प्लांट को हटा दिया गया. वहीं, सांसद ने कहा है कि किन लोगों के कहने पर इतना बड़ा गोलमाल किया गया है, उसकी भी जांच होनी चाहिए. जो लोग भी इस मामले में संलिप्त हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
सांसद अजय भट्ट ने कहा है कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला आपदा मद के तहत सुशीला तिवारी अस्पताल में 65 लाख रुपए की लागत से लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना (Establishment of liquid oxygen plant) की जानी थी, लेकिन कुछ लोगों की मिलीभगत से 20 किलो लीटर क्षमता का उसमें पुराना प्लांट लगा दिया गया था. इसकी अस्पताल प्रशासन द्वारा उनको शिकायत दी गई थी. कार्यदायी संस्था द्वारा नए प्लांट के जगह पर पुराना प्लांट लगाया गया है.
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अजय भट्ट ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी नैनीताल को जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इस महामारी में मानवीय दुश्मन को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा. ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा करने के निर्देश के साथ-साथ कार्यदायी संस्था के टेंडर को निरस्त करने और किन लोगों के कहने पर पुराने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम किया गया है, इसकी जांच होनी चाहिए. मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए.
सांसद अजय भट्ट ने कहा है कि फिलहाल कार्यदायी संस्था को प्लांट लगाने से रोक दिया गया है. नए सिरे से टेंडर करा कर फिर से ऑक्सीजन प्लांट स्थापना करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है. फिलहाल पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन कुछ भी कहने से बच रहा है.