हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी सुशील तिवारी हॉस्पिटल (Sushila Tiwari Hospital Haldwani) में लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं. लापरवाही के चलते बहुत से मरीजों की मौत होने के बाद परिजनों और अस्पताल के बीच कई बार विवाद भी हुए हैं. आरटीआई (सूचना का अधिकार) से मिली जानकारी के मुताबिक सुशीला तिवारी अस्पताल से चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. यहां इलाज के दौरान बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई है.
यही नहीं कोविड-19 में भी सुशीला तिवारी अस्पताल (Corona patients died in STH) में इलाज के दौरान बड़ी संख्या में मरीजों की मौत के आंकड़े सामने आए हैं. हल्द्वानी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सुशीला तिवारी अस्पताल से मांगी.
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार साल 2005 से लेकर 3 दिसंबर 2020 तक सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान 21,921 मरीजों की मौत हुई है. इसके अलावा यह भी जानकारी मिली है कि कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान से 03 दिसंबर 2021 तक सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान 1,006 कोरोना वायरस संक्रमितों मरीजों की मौत हुई है.
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आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की मोर्चरी विभाग द्वारा सितंबर 2010 से 30 नवंबर 2021 तक 5,673 पोस्टमार्टम किए गए हैं. आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि सुशीला तिवारी अस्पताल से पहाड़ सहित मैदानी क्षेत्र के मरीजों को काफी उम्मीदें होती हैं, लेकिन जिस तरह से सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीजों की मौत हुई है, उससे अस्पताल की व्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 में इतनी बड़ी संख्या में मौत होना कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि लोगों को इस अस्पताल से काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में अस्पताल को चाहिए कि व्यवस्थाओं को ठीक करें जिससे कि अस्पताल में होने वाली मौतों की संख्या में कमी आए.