हल्द्वानी: आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने दिल्ली एम्स से जुड़ी कुछ जानकारियां आरटीआई के जरिए मांगी थी. जिसमें चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार 13 सालों में दिल्ली एम्स के जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में 11,502 मरीजों की हुई मौत हुई है. जबकि एम्स के डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र में 20 सालों में 33 लोगों की मौत हुई है.
![Thousands died during treatment in Delhi AIIMS Trauma Center in last 13 years](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/uk-nai-07-uk10007_17022021210358_1702f_1613576038_499.jpg)
हल्द्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया को दिल्ली एम्स से मिली जानकारी के मुताबिक एम्स के जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में साल 2007 से अक्टूबर 2020 तक 11,502 लोगों की मृत्यु हुई है. जिसमें 6,937 पुरुष, 2,890 महिलाएं, 1,157 बच्चे हैं, जबकि 578 बच्चियां शामिल हैं.
![Thousands died during treatment in Delhi AIIMS Trauma Center in last 13 years](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/uk-nai-07-uk10007_17022021210358_1702f_1613576038_80.jpg)
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यही नहीं आरटीआई से जानकारी मिली है कि कोविड-19 के दौरान अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2020 तक कोरोना से अस्पताल में 593 लोगों की मौत हुई है. जिसमें 385 पुरुष, 197 महिलाएं हैं, जबकि इसमें 11 बच्चे-बच्चियां शामिल हैं. आरटीआई से यह भी जानकारी मिली है कि एम्स के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र में साल 2000 से वर्ष 2020 दिसंबर तक 33 लोगों की मौत हुई है. जिसमें 10 पुरुष, 4 महिलाएं और 11 बच्चे-बच्चियां शामिल हैं.
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आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि जिस तरह से लोग दिल्ली एम्स में उम्मीद लेकर इलाज के लिए जाते हैं, उन्हें वहां वैसा इलाज नहीं मिल पाता है. ऐसे में एम्स प्रशासन को व्यवस्थाओं को ठीक करने की जरूरत है.