नैनीताल: हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान (Nainital High Court Chief Justice RS Chauhan) ने राज्य के लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए आठ जिलों के लिए सचल न्यायालय वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सचल न्यायालय वैन (mobile court van) के चलने के बाद अब दूरदराज में रह रहे बीमार और बुजुर्ग गवाहों को गवाही के लिए न्यायालय परिसर में नहीं आना पड़ेगा. इस योजना के तहत 15 अगस्त को पांच मोबाइल वैन का संचालन किया जा चुका है. अब आठ नए सचल वाहनों के मिलने से राज्य के लोगों को त्वरित न्याय मिल सकेगा.
त्वरित मिलेगा न्याय: गौर हो कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि मोबाइल कोर्ट प्रारम्भ होने से दिव्यांग और कोर्ट आने में असमर्थ लोगों को लाभ मिलेगा. जिसमें गवाहों के बयान आदि मौके पर ही लिए जाएंगे, साथ ही राज्य के न्यायालयों में वादों की कमी आएगी. लोगों को इससे त्वरित न्याय मिलेगा. अभी तक गवाही आदि में न्यायालय का काफी समय नष्ट हो जाता था. इस वैन का लाभ लेने के लिए वादकारियों को ऑनलाइन न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है.
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ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल: यह वैन पूर्ण रूप से न्यायिक प्रणाली से सुसज्जित है. इसमें छेड़छाड़, दुष्कर्म, दहेज आदि मामलों से सम्बंधित जो लोग कोर्ट आने में असमर्थ हैं उनको आसानी होगी. न्यायाधीश आरएस चौहान ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए सचल न्याय की अति आवश्यकता थी. यह उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था, जो आज पूरा हो चुका है. अब प्रदेश के सभी जिलों के पास अपना एक सचल न्याय वाहन होगा.
ऐसे करें आवेदन: इसका लाभ पाने के लिए लोग जिला न्यायालय, तहसील स्तर, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, स्टेट लीगल सेल और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन कर सकते है. वहीं सचल न्यायालय वैन इंटरनेट, कंप्यूटर, वेब कैमरा व सीसीटीवी समेत सभी जरूरी सुविधाओं से लैस है.