कालाढूंगी: बीजेपी विधायक बंशीधर भगत ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया है. साथ ही कहा है कि वे पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम करना चाहते हैं और संगठन को मजबूती देने का हर संभव प्रयास करेंगे. गौरतलब है कि मंत्रिमंडल विस्तार में 6 बार विधायक बनने वाले बंशीधर भगत का नाम पहले पायदान पर बताया जा रहा है.
बंशीधर भगत मानते हैं कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखा और वर्ष 1975 में जनसंघ पार्टी से जुड़े. इसके बाद उन्होंने किसान संघर्ष समिति बनाकर राजनीति में प्रवेश किया. राम जन्म भूमि आंदोलन में वह 23 दिन अल्मोड़ा जेल में रहे. वर्ष 1989 में उन्होंने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के जिला अध्यक्ष का पद संभाला.
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वर्ष 1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने फिर 1993 में दूसरी व 1996 में तीसरी बार नैनीताल से विधायक बने. इस दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य एंव रसद राज्यमंत्री, पर्वतीय विकास मंत्री, वन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला. साल 2000 में राज्य गठन के बाद वह उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे. वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा वह चौथी बार विधायक बने. उत्तराखंड सरकार में उन्हें वन और परिवहन मंत्री बनाया गया. इसके बाद 2012 में नवसर्जित कालाढूंगी विधानसभा से उन्होंने फिर विजय प्राप्त की फिर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में छठीं जीत दर्ज की.
कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत ने सीधे शब्दों मैं मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया है और कहा कि केंद्र और उत्तराखंड का भाजपा नेतृत्व उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाते है तो निश्चित तौर पर पार्टी को मजबूती प्रदान करने की कोशिश करेंगे. 2022 में बीजेपी उत्तराखंड मैं दोबारा सरकार बनाएगी.