हल्द्वानी/चंपावत: केंद्र सरकार और राज्य सरकार अब अगले सत्र से नई खनन नीति के तहत नदियों से खनन करवाएगी. प्रदेश की नदियों से खनिज निकासी का कार्य अब शासन द्वारा गठित समिति के रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगी. नदियों से खनन रिपोर्ट के लिए शासन ने 9 सदस्यो की समिति गठन की है, जिनके रिपोर्ट के बाद ही अब नदियों से खनन का काम होगा. इससे पूर्व पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के रिपोर्ट के बाद ही खनन का कार्य शुरू हो जाता था, लेकिन अब नदियों से खनन गठित रिपोर्ट के बाद ही शुरू होगा.
जिला खनन अधिकारी रवि नेगी ने बताया कि पूर्व में नदियों से खनन के लिए केवल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन की स्वीकृति के बाद खनन का काम शुरू हो जाता था. शासन ने नई नीति के तहत 9 विभागों की 9 सदस्यीय टीम की गठन की है, जो नदियों से खनन शुरू होने से पहले रिपोर्ट देगा. तभी नदियों से खनन शुरू हो पाएगा.
उन्होंने बताया कि अब नई नीति के तहत ही अब अगले खनन सत्र से खनन का काम शुरू किया जाएगा, जिसके तहत कमेटी द्वारा इन नदियों में खनन से पूर्व सर्वे का काम किया जाएगा और सर्वे रिपोर्ट में सभी विभागों की सहमति के बाद ही खनन का काम शुरू हो सकेगा.
टनकपुर में विरोध
वहीं, चंपावत में शारदा रेंज क्षेत्र के किरोडा नाले में सरकार द्वारा किए जा रहे है खनन का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर टनकपुर स्थित पूर्णागिरी तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों ने उपजिलाधिकारी हिमांशु कफ्लटिया के नेतृत्व में ग्रामीणों संग बैठक की. अधिकारियों ने रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत खनन के लिए ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण गांवों की सुरक्षा व्यवस्था किए बगैर किसी भी सूरत में खनन नहीं होने देने पर अड़े रहे.
![खनन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/uk-udh-01-oppose-mining-vis-uk10016_12122020152715_1212f_1607767035_632.jpg)
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टनकपुर उपजिलाधिकारी हिमांशु कफ्लटिया ने ग्रामीणों के साथ मीटिंग करने के बाद किरोड़ा खनन क्षेत्र का निरीक्षण भी किया. शासन से आदेश आने के बाद से किरोड़ा नाले में खनन पट्टों की नीलामी की कार्रवाई चल रही है. आगामी 16 दिसंबर को नीलामी की तिथि भी तय है, लेकिन क्षेत्रीय ग्रामीण खनन नहीं होने देने पर अड़े हैं. उनका कहना है कि गांवों की सुरक्षा को ताक में रख कर खनन नहीं होने दिया जाएगा. प्रशासन पहले उनके गांवों की सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त करें, उसके बाद ही खनन की बात होगी.
अधिकारियों से हुई बैठक में भी ग्रामीणों ने कहा कि खनन से पहले अप स्ट्रीम क्षेत्र में किरोड़ा को चैनलाइज किया जाए और नायकगोठ-थ्वालखेड़ा रोखड़ और थ्वालखेड़ा गैंड़ाखाली रोखड़ में दोनों ओर कटाव की रोकथाम के उपाय किए किए जाएं. उसके बाद ही खनन की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने नायकगोठ-थ्वालखेड़ा रोखड़ व थ्वालखेड़ा-गैंड़ाखाली रोखड़ में प्रस्तावित पुलों का निर्माण जल्द शुरू कराए जाने की भी मांग की. उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों की मांगों को उचित मानते हुए आश्वस्त किया है कि जल्द ही गांवों की सुरक्षा के उपाय शुरू करा दिए जाएंगे. साथ ही किरोड़ा के अप स्ट्रीम को चैनलाइज किया जाएगा. लोनिवि पुलों का निर्माण और सिंचाई विभाग के माध्यम से कटाव की रोकथाम के उपाय भी किए जाएंगे.