हल्द्वानी: उत्तराखंड सरकार को खनन से हर साल करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है. ऐसे में सरकार द्वारा हर साल एक अक्टूबर से खनन सत्र शुरू कर दिया जाता है. लेकिन, इस बार नदियों का जलस्तर कम नहीं होने के साथ ही अन्य तैयारियां पूरी नहीं होने के चलते खनन कार्य में देरी हो रही है. विभागीय अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि इस बार खनन सत्र अपने निर्धारित समय से करीब 15 दिन लेट शुरू हो सकता है. ऐसे में खनन कारोबार से जुड़े लोगों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा.
प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी के अलावा नंधौर नदी में हर साल 1 अक्टूबर से खनन कार्य शुरू कर दिया जाता है. लेकिन इस बार नदियों में पानी अधिक होने के चलते खनन कार्य में देरी हो रही है. उन्होंने बताया कि नदियों के खनन क्षेत्र का सीमांकन करने का कार्य चल रहा है. इसके अलावा खनन कार्य की सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं.
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वाहनों के नवीनीकरण के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए गए हैं. साथ ही सभी वाहनों को जीपीएस से लैस होने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा नदियों के खनन निकासी गेटों के मरम्मत के अलावा तौल कांटों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. नदियों में पानी की मात्रा कम होते ही खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि कुमाऊं मंडल के गोला नदी और नंधौर नदी में खनन कार्य से 8 हजार से अधिक वाहनों के अलावा 25,000 से अधिक मजदूर हर साल खनन कार्य में लगते हैं. लेकिन इस बार खनन कार्य में देरी होने के चलते खनन कारोबारियों और मजदूरों को इंतजार करना पड़ेगा.