हल्द्वानी: नदियों में खनन को लेकर वन विभाग और वन विकास निगम ने तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन इस बार नदियों में उप खनिज कम आने की वजह से खनन सत्र में देरी हो सकती है. फिलहाल, वन विकास निगम और वन विभाग सर्वे में जुटा है.
बता दें कि कुमाऊं के गौला नदी, शारदा नदी, दबका और कोसी नदी से हर साल खनन होता है, जिससे सरकार को करोड़ों का राजस्व मिलता है. वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉक्टर पराग मधुकर घकाते ने बताया कि खनन सत्र को लेकर वन विकास और वन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. खनन क्षेत्र को चिन्हित करने के लिए सभी प्रभागीय वन अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है. खनन करने वाली कार्यदायी संस्था वन विकास निगम को निर्देशित किया जा चुका है. नदी क्षेत्र से खनन को लेकर खनन निकासी गेट, रास्ते का निर्माण और खनन निकासी गेटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की निर्देश जारी किए गए हैं. जिससे कि खनन की अनुमति मिलते ही खनन सुचारू किया जा सके.
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पराग मधुकर घकाते ने बताया कि नदी में उप खनिज को लेकर केंद्र और राज्य की जल, मृदा और खनन विभाग की टीम जल्द सर्वे करने वाली है. जिसके बाद शासन के निर्देश पर खनन शुरू कर दिया जाएगा,
गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून सीजन में पहाड़ों पर बरसात कम होने के चलते पहाड़ों से नदियों में पानी और उप खनिज की मात्रा कम पहुंची है, जिसके चलते कुमाऊं की लाइफ लाइन कहलाने वाली गौला नदी में खनन सत्र में देरी हो सकती है. जिसके चलते लोगों को रोजी रोटी के संकट के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व में भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है.