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HC में लक्सर के नियामतपुर गांव को अलग करने पर सुनवाई, पंचायती निदेशक को प्रत्यावेदन देने का आदेश

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Published : Jul 27, 2021, 7:50 PM IST

लक्सर के नियामतपुर गांव के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

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नियामतपुर गांव से अलग करने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

नैनीताल: लक्सर के गांव नियामतपुर को तहसील मिर्जापुर सादाब से अलग करने के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को प्रत्यावेदन निदेशक पंचायती राज के पास ले जाने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर तहसील के मिर्जापुर सादाब गांव से नियामतपुर को अलग करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि अपना प्रत्यावेदन एक सप्ताह के भीतर निदेशक पंचायती राज को दें. हाईकोर्ट ने पंचायती राज निदेशक को आदेश दिए हैं कि याचिककर्ता के प्रत्यावेदन पर 6 सप्ताह के भीतर विधि अनुसार कार्यवाही करते हुए निस्तारित करें.

पढ़ें- कैबिनेट: कौसानी बनेगा नगर पंचायत, पंतनगर में बनेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

याचिकाकर्ता का कहना है कि मिर्जापुर सादाब एवं नियामतपुर पूर्व में पृथक-पृथक ग्राम सभाएं थीं, लेकिन उप्र पंचायती राज अधिनियम के तहत सन 1994 में दोनों ग्राम सभाओं का विलय कर दिया गया. नई ग्राम सभा मिर्जापुर सादाब के नाम से जाने जाने लगी. तभी से दोनों गांवों की एक ही ग्रामसभा चली आ रही है.

पढ़ें- ऊर्जा प्रदेश में शट डाउन: मुख्य सचिव से भी नहीं बनी बात, बीती रात से हड़ताल जारी

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि नियामतपुर को पृथक ग्राम सभा घोषित किया जाए. इसके लिये नियामतपुर गांव सभी प्रकार के मापदंडों को पूरा करता है. जनसंख्या के मानक पर भी उनकी ग्राम सभा खरी उतरती है. सरकार की ओर से कहा गया कि 1994 में दोनों ग्राम सभाओं का स्वेच्छा से विलय किया गया था.

नैनीताल: लक्सर के गांव नियामतपुर को तहसील मिर्जापुर सादाब से अलग करने के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को प्रत्यावेदन निदेशक पंचायती राज के पास ले जाने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर तहसील के मिर्जापुर सादाब गांव से नियामतपुर को अलग करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि अपना प्रत्यावेदन एक सप्ताह के भीतर निदेशक पंचायती राज को दें. हाईकोर्ट ने पंचायती राज निदेशक को आदेश दिए हैं कि याचिककर्ता के प्रत्यावेदन पर 6 सप्ताह के भीतर विधि अनुसार कार्यवाही करते हुए निस्तारित करें.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि मिर्जापुर सादाब एवं नियामतपुर पूर्व में पृथक-पृथक ग्राम सभाएं थीं, लेकिन उप्र पंचायती राज अधिनियम के तहत सन 1994 में दोनों ग्राम सभाओं का विलय कर दिया गया. नई ग्राम सभा मिर्जापुर सादाब के नाम से जाने जाने लगी. तभी से दोनों गांवों की एक ही ग्रामसभा चली आ रही है.

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याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि नियामतपुर को पृथक ग्राम सभा घोषित किया जाए. इसके लिये नियामतपुर गांव सभी प्रकार के मापदंडों को पूरा करता है. जनसंख्या के मानक पर भी उनकी ग्राम सभा खरी उतरती है. सरकार की ओर से कहा गया कि 1994 में दोनों ग्राम सभाओं का स्वेच्छा से विलय किया गया था.

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