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अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानसी बिखेरेंगी कथक नृत्य का जादू, CCRT स्कॉलरशिप के लिए हुआ चयन - Haldwani Mansi Joshi

हल्द्वानी आरटीओ रोड की रहने वाली मानसी जोशी (14) का संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सीसीआरटी स्कॉलरशिप 2019-20 के लिए शास्त्रीय कथक नृत्य के लिए चयन हुआ है.

मानसी
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Published : Nov 13, 2019, 9:31 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 1:49 PM IST

हल्द्वानी: कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है. ये पंक्ति मानसी जोशी पर सटीक बैठती है. कथक नृत्य में देवभूमि की मानसी जोशी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने जा रही हैं. हल्द्वानी के आरटीओ रोड की रहने वाली मानसी जोशी (14) का संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सीसीआरटी स्कॉलरशिप 2019-20 के लिए शास्त्रीय कथक नृत्य के लिए चयन हुआ है. इस वर्ष उत्तराखंड से सीसीआरटी के लिए केवल 2 लोगों का हुआ है.

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानसी बिखेरेंगी कथक नृत्य का जादू

हल्द्वानी के आरटीओ रोड की रहने वाली मानसी जोशी कक्षा 9वीं की छात्रा हैं और कथक नृत्य केंद्र में कथक की शिक्षा ले रहीं हैं. मानसी जोशी पिछले 4 सालों से शास्त्रीय कथक नृत्य कला सीख रही हैं. मानसी के सीसीआरटी (सांस्कृति स्श्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र) में चयन से उनके नृत्य कला केंद्र सहित परिवार में खुशी का माहौल है.

पढ़ें-नैनीताल: पर्यटक को टॉर्चर करने के मामले में प्रशासन सख्त, वनकर्मियों के खिलाफ FIR

सीसीआरटी में मानसी के चयन हो जाने के बाद अब उनको संस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार से स्कॉलरशिप मिलेगी. साथ ही मानसी को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका भी मिलेगा. संस्कृतिक मंत्रालय द्वारा हर साल प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों को अलग-अलग सांस्कृतिक क्षेत्रों में चयन किया जाता है. उत्कृष्ट प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृत्ति देकर प्रोत्साहन भी करता है. इस वर्ष उत्तराखंड से 2 छात्रों को सांस्कृतिक क्षेत्र में छात्रवृत्ति मिली है.

जिसमें मानसी जोशी भी शामिल हैं. मानसी जोशी ने बताया कि शास्त्रीय कथक नृत्य कला के लिए उनके माता-पिता ने प्रेरित किया और गुरू रेनू नेगी, सोनू पांडे ने उनका पूरा सहयोग किया. बता दें कि कथक नृत्य एक शास्त्रीय नृत्य है, जिसमें राजस्थान और उत्तर प्रदेश की नृत्य शैली है. जिसका वर्णन काफी शात्रों में भी मिलता है. वर्तमान समय में बिरजू महाराज कथक का सबसे विख्यात नाम हैं. लेकिन अब कथक धीरे-धीरे विलुप्त के कगार पर है. लेकिन आज भी कई संस्थाएं इस कथक नृत्य को बचाने के लिए लिए लोगों को जागरुक कर रही हैं.

हल्द्वानी: कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है. ये पंक्ति मानसी जोशी पर सटीक बैठती है. कथक नृत्य में देवभूमि की मानसी जोशी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने जा रही हैं. हल्द्वानी के आरटीओ रोड की रहने वाली मानसी जोशी (14) का संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सीसीआरटी स्कॉलरशिप 2019-20 के लिए शास्त्रीय कथक नृत्य के लिए चयन हुआ है. इस वर्ष उत्तराखंड से सीसीआरटी के लिए केवल 2 लोगों का हुआ है.

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानसी बिखेरेंगी कथक नृत्य का जादू

हल्द्वानी के आरटीओ रोड की रहने वाली मानसी जोशी कक्षा 9वीं की छात्रा हैं और कथक नृत्य केंद्र में कथक की शिक्षा ले रहीं हैं. मानसी जोशी पिछले 4 सालों से शास्त्रीय कथक नृत्य कला सीख रही हैं. मानसी के सीसीआरटी (सांस्कृति स्श्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र) में चयन से उनके नृत्य कला केंद्र सहित परिवार में खुशी का माहौल है.

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सीसीआरटी में मानसी के चयन हो जाने के बाद अब उनको संस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार से स्कॉलरशिप मिलेगी. साथ ही मानसी को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका भी मिलेगा. संस्कृतिक मंत्रालय द्वारा हर साल प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों को अलग-अलग सांस्कृतिक क्षेत्रों में चयन किया जाता है. उत्कृष्ट प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृत्ति देकर प्रोत्साहन भी करता है. इस वर्ष उत्तराखंड से 2 छात्रों को सांस्कृतिक क्षेत्र में छात्रवृत्ति मिली है.

जिसमें मानसी जोशी भी शामिल हैं. मानसी जोशी ने बताया कि शास्त्रीय कथक नृत्य कला के लिए उनके माता-पिता ने प्रेरित किया और गुरू रेनू नेगी, सोनू पांडे ने उनका पूरा सहयोग किया. बता दें कि कथक नृत्य एक शास्त्रीय नृत्य है, जिसमें राजस्थान और उत्तर प्रदेश की नृत्य शैली है. जिसका वर्णन काफी शात्रों में भी मिलता है. वर्तमान समय में बिरजू महाराज कथक का सबसे विख्यात नाम हैं. लेकिन अब कथक धीरे-धीरे विलुप्त के कगार पर है. लेकिन आज भी कई संस्थाएं इस कथक नृत्य को बचाने के लिए लिए लोगों को जागरुक कर रही हैं.

Intro:sammry- उत्तराखंड के मानसी जोशी का सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के सीसीआरटी में शास्त्रीय कथक नृत्य के लिए हुआ चयन।(स्पेशल खबर)

एंकर- उत्तराखंड अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए देश-विदेश में जाना जाता है लेकिन अब कत्थक नृत्य के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवा रहा है। हल्द्वानी के आरटीओ रोड की रहने वाली 14 वर्षीय मनसा जोशी का संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सीसीआरटी स्कॉलरशिप 2019-20 के लिए शास्त्रीय कथक नृत्य के लिए चयन हुआ है। इस वर्ष उत्तराखंड से सीसीआरटी के लिए केवल 2 लोगों को चयन किया गया है। मानसी जोशी कक्षा नौ की छात्रा है और अब उनको कई अंतरराष्ट्रीय मंचो पर अपना कला दिखाने का मौका भी मिलने जा रहा है।


Body:हल्द्वानी के आरटीओ रोड की रहने वाली 14 वर्षीय मानसी जोशी गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा नौ की छात्रा है और कथक नृत्य केंद्र में कथक की शिक्षा ग्रहण ग्रहण करती हैं। मानसी जोशी पिछले 4 सालों से शास्त्रीय कथक नृत्य कला सीख रही हैं।2019-20 बाल प्रतिभाओं में आद्य कोठियाल हिंदुस्तानी संगीत क्षेत्र में कथक नृत्य के लिए मानसी जोशी शामिल है। मानसी के सीसीआरटी में चयन से उनके नृत्य कला केंद्र सहित परिवार में खुशी का माहौल है। सीसीआरटी में मानसी के चयन हो जाने के बाद अब उनको संस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार से स्कॉलरशिप मिलेगा साथी मानसी को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका भी मिलेगा।
संस्कृतिक मंत्रालय द्वारा हर साल प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों को अलग-अलग सांस्कृतिक क्षेत्रों में चयन किया जाता है उत्कृष्ट प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृत्ति देकर प्रोत्साहन भी करता है। इस वर्ष उत्तराखंड से 2 छात्रों को सांस्कृतिक क्षेत्र में छात्रवृत्ति मिली है जिसमें मानसी जोशी भी शामिल है।

मानसी जोशी ने बताया कि शास्त्रीय कथक नृत्य कला के लिए उनके माता-पिता ने प्रेरित किया और गुरु रेनू नेगी, और सोनू पांडे उनका पूरा सहयोग किया।

बाइट- मनसा जोशी

बाइट- रेनू नेगी ट्रेनर मनसा जोशी


Conclusion:कथक नृत्य उत्तर प्रदेश के शास्त्रीय नृत्य है कत्थक राजस्थान और उत्तर प्रदेश की नृत्य शैली है और यह बहुत प्राचीन शैली है क्योंकि महाभारत काल में भी कथा का वर्णन है इसका संबंध कृष्ण कथा और नृत्य से भी है।मुगल काल में में यह दरबार में भी किया जाने लगा था। जिसके बाद कथक के कई घराने सामने आए और अपने कथक नृत्य में लोहा मनवाया। वर्तमान समय में बिरजू महाराज कथक के सबसे बड़े विख्यात नृत्य हैं। लेकिन अब कथक धीरे-धीरे विलुप्त के कगार पर है। लेकिन आज भी कई संस्थाएं इस कथक नृत्य को बचाने के लिए लिए लोगों को जागरूक कर रही हैं।
Last Updated : Nov 13, 2019, 1:49 PM IST
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