हल्द्वानी: नये कृषि कानून के तहत मंडी से बाहर मंडी शुल्क समाप्त किए जाने के बाद अब हल्द्वानी मंडी को 10 महीनों में करीब साढे़ तीन करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है. ऐसे में मंडी समिति ने अपने खर्चे में भी कटौती की है. पिछले साल हल्द्वानी मंडी समिति ने अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 तक जहां 11 करोड़ 15 लाख 32 हजार रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई थी. वहीं इस साल अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के 10 महीनों में मंडी की राजस्व 5 करोड़ दो लाख 43 हजार रुपये रह गई है. ऐसे में मंडी समिति ने अब मंडी खर्च में कटौती करनी शुरू कर दी है.
हल्द्वानी मंडी के अध्यक्ष मनोज शाह ने बताया कि नई कृषि कानून के तहत मंडी के बाहर मंडी शुल्क खत्म कर दी गई है. ऐसे में अब मंडी समिति को मंडी शुल्क में काफी गिरावट आई है. उन्होंने बताया कि मंडी शुल्क खत्म होने के बाद पिछले 10 महीनों में हल्द्वानी मंडी को 3 करोड़ 4 लाख 40 हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में खर्च में कटौती की गई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019- 20 में जनवरी माह तक 8 करोड़ 68 लाख 28 हजार रुपये व्यय हुए थे, जिसमें भारी कटौती की गई है. जिसके तहत अभी तक 10 महीनों में 4 करोड़ 43 लाख 29000 रुपये खर्च किए गए हैं.
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मंडी समिति के अध्यक्ष मनोज शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई कृषि कानून के तहत किसानों को काफी राहत दी है. बाहर मंडी शुल्क खत्म होने के बाद जहां किसानों को फायदा पहुंचा है तो वहीं मंडी को नुकसान भी हुआ है. लेकिन आमदनी कम होने के चलते मंडी के खर्चे में भी कटौती की गई है. अगर मंडी का घाटा पूरा करने के लिए बजट की आवश्यकता पड़ी तो शासन को अवगत कराएंगे.