रुद्रप्रयाग: फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू होते ही जंगलों में आग की घटनाएं भी रिकॉर्ड होनी शुरू हो गई है. रुद्रप्रयाग जिले के मदमहेश्वर घाटी के जंगलों में भीषण आग लगने से लाखों की वन संपदा राख हो गई. जबकि जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. यदि समय रहते जंगलों में लगी आग पर काबू नहीं पाया गया तो जंगलों में लगी आग विकराल रूप धारण कर सकती है.
17 फरवरी सुबह मदमहेश्वर घाटी के जंगल अचानक भीषण आग की चपेट में आ गए. जंगलों में भीषण आग लगने से लाखों की वन संपदा स्वाहा होने के साथ जंगलों में निर्भीक विचरण करने वाले अनेक प्रजाति के जीव-जंतुओं का जीवन भी संकट में पड़ गया. वन विभाग द्वारा जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के प्रयास किए तो किए जा रहे हैं. लेकिन बीहड़ चट्टानों के बीच आग लगने से आग पर काबू पाना चुनौती पूर्ण बना हुआ है.
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जानकारी देते हुए ग्रामीण आरके पहाड़ी ने बताया,
सोमवार सुबह अचानक मदमहेश्वर घाटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए. उनका कहना है कि प्रति वर्ष कई हेक्टेयर जंगल का भूभाग और लाखों की वन संपदा भीषण आग की चपेट में आने से स्वाहा हो जाती है. इससे पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंचता है. इसलिए वन विभाग को जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
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रेंज अधिकारी धीर सिंह ने बताया कि जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए 6 सदस्यीय दल घटना स्थल पहुंच चुका है. जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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