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Anti Copying Law: उत्तराखंड जैसा नकल विरोधी कानून लागू करेगा महाराष्ट्र, मांगी जानकारी

प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के मकसद से उत्तराखंड में जब से नकल विरोधी कानून लाया गया है, तभी से सरकार इसे देश का सबसे सख्त कानून के रूप में प्रचारित कर रही है. मुख्यमंत्री धामी भी जगह-जगह जाकर इस कानून की खूबियों के बारे में बता रहे हैं. यहां तक कि इसको लेकर बीजेपी की ओर से आभार रैलियों का आयोजन भी करवाया जा रहा है. यही नहीं, अब दूसरे राज्य भी उत्तराखंड के इस नकल विरोधी कानून को स्टडी कर रहे हैं. महाराष्ट्र ने इस कानून संबंधी जानकारियां उत्तराखंड से मांगी हैं.

IG Kumaon nilesh anand bharne
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Published : Mar 2, 2023, 7:53 PM IST

महाराष्ट्र ने मांगी उत्तराखंड के नकल विरोधी कानून की जानकारी.

हल्द्वानी: उत्तराखंड सरकार द्वारा नकल विरोधी कानून लाए जाने के बाद पूरे देश में उत्तराखंड की प्रशंसा हो रही है. सरकार भी नकल विरोधी कानून को देश में लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखंड को बता रही है. तो वहीं अब महाराष्ट्र सरकार भी नकल विरोधी कानून लाने के लिए उत्तराखंड के नक्शे कदम पर चलने जा रही है.

मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि उत्तराखंड में सख्त नकल विरोधी कानून लाने के बाद प्रदेश में अब नकल माफियाओं पर नकेल कसी जा सकेगी. आईजी कुमाऊं ने बताया कि उत्तराखंड सरकार के कानून को देखते हुए अब महाराष्ट्र सरकार भी इस कानून का अध्ययन करने जा रही है, जिससे महाराष्ट्र में भी प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए ऐसे कानून को लागू किया जा सके.
पढ़ें- Anti Copying Law: नकल पर सख्त हैं सीएम धामी, भर्ती घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज करेंगे

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से नकल विरोधी कानून पर सुझाव और शासनादेश को मांगा है. वो इस कानून को स्टडी करेंगे. जिसको देखते हुए महाराष्ट्र पुलिस को नकल विरोधी कानून संबंधी जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल के मामले सामने आते हैं, जिसके बाद अब महाराष्ट्र पुलिस कानून के बारे में उत्तराखंड पुलिस से जानकारी हासिल कर रही है.

आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लाया गया है इसे अब नकल माफिया और अभ्यर्थी नकल करने की सोच भी नहीं सकते हैं. आईजी ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू हुआ है और उत्तराखंड के नक्शे कदम पर अन्य राज्य भी अब चलने जा रहे हैं.

महाराष्ट्र ने मांगी उत्तराखंड के नकल विरोधी कानून की जानकारी.

हल्द्वानी: उत्तराखंड सरकार द्वारा नकल विरोधी कानून लाए जाने के बाद पूरे देश में उत्तराखंड की प्रशंसा हो रही है. सरकार भी नकल विरोधी कानून को देश में लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखंड को बता रही है. तो वहीं अब महाराष्ट्र सरकार भी नकल विरोधी कानून लाने के लिए उत्तराखंड के नक्शे कदम पर चलने जा रही है.

मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि उत्तराखंड में सख्त नकल विरोधी कानून लाने के बाद प्रदेश में अब नकल माफियाओं पर नकेल कसी जा सकेगी. आईजी कुमाऊं ने बताया कि उत्तराखंड सरकार के कानून को देखते हुए अब महाराष्ट्र सरकार भी इस कानून का अध्ययन करने जा रही है, जिससे महाराष्ट्र में भी प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए ऐसे कानून को लागू किया जा सके.
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उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से नकल विरोधी कानून पर सुझाव और शासनादेश को मांगा है. वो इस कानून को स्टडी करेंगे. जिसको देखते हुए महाराष्ट्र पुलिस को नकल विरोधी कानून संबंधी जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी प्रतियोगिता परीक्षाओं में नकल के मामले सामने आते हैं, जिसके बाद अब महाराष्ट्र पुलिस कानून के बारे में उत्तराखंड पुलिस से जानकारी हासिल कर रही है.

आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लाया गया है इसे अब नकल माफिया और अभ्यर्थी नकल करने की सोच भी नहीं सकते हैं. आईजी ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू हुआ है और उत्तराखंड के नक्शे कदम पर अन्य राज्य भी अब चलने जा रहे हैं.

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