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11 सितंबर से शुरू होगा नंदादेवी महोत्सव, कोरोना गाइडलाइन का करना होगा पालन

नैनीताल में हर साल आयोजित होने वाले मां नंदा देवी महोत्सव को लेकर आयोजन समिति रामसेवक सभा की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. नंदादेवी महोत्सव का आगाज 11 सितंबर से होगा.

नंदादेवी महोत्सव
नंदादेवी महोत्सव
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Published : Sep 10, 2021, 10:14 AM IST

Updated : Sep 10, 2021, 10:28 AM IST

नैनीताल: जिले में प्रतिवर्ष आयोजिय होने वाले नंदा देवी महोत्सव (Nanda Devi festival 2021) को लेकर आयोजन समिति रामसेवक सभा ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली है. राम सेवक सभा अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि भक्त कोरोना नियमों का पालन करते हुए मां नंदा सुनंदा के दर्शन कर सकेंगे. बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते नंदा देवी महोत्सव सांकेतिक रूप से मनाया गया था.

रामसेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि 1926 से श्रीराम सेवक सभा नंदा देवी महोत्सव का आयोजन करती आ रही है. इतिहास में यह दूसरी बार है जब नंदा देवी मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. महोत्सव को बीते वर्ष की भांति सांकेतिक रूप से मनाया जाएग. हालांकि, भक्त इस बार कोविड नियमों के तहत मां नंदा सुनंदा के दर्शन कर सकेंगे.

11 सितंबर से शुरू होगा नंदादेवी महोत्सव.

जगदीश बवाड़ी ने बताया कि इस बार 11 से 17 सितंबर तक महोत्सव के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान व आयोजन आयोजित किए जाएंगे. 11 सितंबर को पूजा अर्चना के बाद सभा पदाधिकारियों का एक दल कदली वृक्ष लेने के लिए ज्योलीकोट सड़ियांताल क्षेत्र स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर के लिए रवाना होगा. जहां से 12 सितंबर को कदली वृक्ष लेकर दल नैनीताल पहुंचेगा. तल्लीताल स्थित वैष्णो देवी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद कदली वृक्ष को वाहन के द्वारा सुखाताल ले जाया जाएगा. सूखाताल में विधिवत पूजा अर्चना के बाद कदली वृक्ष को नंदा नैना देवी मंदिर लाया जाएगा.

वहीं, 13 सितंबर को मूर्ति निर्माण के बाद अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में मां की प्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा कर मूर्तियों को मंदिर प्रांगण में भक्तों के दर्शन के लिए स्थापित कर दिया जाएगा. कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन करते हुए ही सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे.

पढ़ें: गणेश उत्सव पर घर पर बनाएं स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट्स मोदक

हालांकि, बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी नंदा सुनंदा के डोले का नगर भ्रमण नहीं होगा और न ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा. मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश करने और निकासी के लिए अलग-अलग गेटों की व्यवस्था की गई है. मंदिर में भीड़ एकत्र न हो इसके लिए मंदिर के भीतर पंडितों द्वारा कराया जाने वाला पाठ पर भी प्रतिबंधित लगाया गया है. श्रद्धालु मां नंदा सुनंदा के दर्शन के बाद पिछले गेट से बाहर जा सकेंगे.

नैनीताल: जिले में प्रतिवर्ष आयोजिय होने वाले नंदा देवी महोत्सव (Nanda Devi festival 2021) को लेकर आयोजन समिति रामसेवक सभा ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली है. राम सेवक सभा अध्यक्ष मनोज साह ने बताया कि भक्त कोरोना नियमों का पालन करते हुए मां नंदा सुनंदा के दर्शन कर सकेंगे. बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते नंदा देवी महोत्सव सांकेतिक रूप से मनाया गया था.

रामसेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि 1926 से श्रीराम सेवक सभा नंदा देवी महोत्सव का आयोजन करती आ रही है. इतिहास में यह दूसरी बार है जब नंदा देवी मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है. महोत्सव को बीते वर्ष की भांति सांकेतिक रूप से मनाया जाएग. हालांकि, भक्त इस बार कोविड नियमों के तहत मां नंदा सुनंदा के दर्शन कर सकेंगे.

11 सितंबर से शुरू होगा नंदादेवी महोत्सव.

जगदीश बवाड़ी ने बताया कि इस बार 11 से 17 सितंबर तक महोत्सव के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान व आयोजन आयोजित किए जाएंगे. 11 सितंबर को पूजा अर्चना के बाद सभा पदाधिकारियों का एक दल कदली वृक्ष लेने के लिए ज्योलीकोट सड़ियांताल क्षेत्र स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर के लिए रवाना होगा. जहां से 12 सितंबर को कदली वृक्ष लेकर दल नैनीताल पहुंचेगा. तल्लीताल स्थित वैष्णो देवी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद कदली वृक्ष को वाहन के द्वारा सुखाताल ले जाया जाएगा. सूखाताल में विधिवत पूजा अर्चना के बाद कदली वृक्ष को नंदा नैना देवी मंदिर लाया जाएगा.

वहीं, 13 सितंबर को मूर्ति निर्माण के बाद अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में मां की प्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा कर मूर्तियों को मंदिर प्रांगण में भक्तों के दर्शन के लिए स्थापित कर दिया जाएगा. कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन करते हुए ही सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे.

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हालांकि, बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी नंदा सुनंदा के डोले का नगर भ्रमण नहीं होगा और न ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा. मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश करने और निकासी के लिए अलग-अलग गेटों की व्यवस्था की गई है. मंदिर में भीड़ एकत्र न हो इसके लिए मंदिर के भीतर पंडितों द्वारा कराया जाने वाला पाठ पर भी प्रतिबंधित लगाया गया है. श्रद्धालु मां नंदा सुनंदा के दर्शन के बाद पिछले गेट से बाहर जा सकेंगे.

Last Updated : Sep 10, 2021, 10:28 AM IST
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