ETV Bharat / state

शराब ठेकों से कारोबारियों ने मोड़ा मुंह, कुमाऊं में 83 दुकानें नहीं हो पाई आवंटित

कुमाऊं मंडल में कई शराब की दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है. जिसकी वजह वित्तीय वर्ष का घाटा बताया जा रहा है. इसलिए ठेकेदार दुकानों के आवंटन में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. जिसके बाद आबकारी विभाग ऐसे दुकानों को अब डेली वेज पर देने की सोच रहा है.

author img

By

Published : Apr 19, 2023, 6:56 AM IST

Updated : Apr 19, 2023, 11:04 AM IST

Etv Bharat
Etv Bharat
शराब ठेकों से कारोबारियों ने मोड़ा मुंह

हल्द्वानी: शराब के कारोबार को पहले धन और वर्चस्व का कारोबार माना जाता था. लेकिन इस पेशे में घाटा होने से शराब कारोबारी दुकानों के आवंटन में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. जिसका नतीजा है कि नए वित्तीय वर्ष में कुमाऊं मंडल में 83 शराब दुकानों को ठेकेदार नहीं मिले. संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने बताया प्राथमिकता के तौर पर पुराने दुकानदारों के ही दुकानें आवंटित करने की कार्रवाई चल रही है. लेकिन कई दुकानों के अभी तक आवंटन नहीं हुआ है.

कुमाऊं मंडल में 295 अंग्रेजी और देसी शराब की दुकानें हैं. जिसके सापेक्ष में इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 212 दुकानें का व्यवस्थापन हो चुका है. जबकि 83 दुकानों का अभी भी व्यवस्थापन होनी हैं. केके कांडपाल ने बताया कि पूर्व में जिन दुकानदारों द्वारा शराब की दुकानों के लिए टेंडर डाले गए थे. संभवत: घाटा होने के चलते इस बार दुकानों को नहीं चलाना चाह रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा राजस्व की प्राप्ति के मद्देनजर डेली वेज पर दुकानों को देने का काम चल रहा है, जिससे राजस्व घाटा ना हो.
पढ़ें-परचून की दुकान में महंगे दामों में बेची जा रही थी अवैध शराब, पुलिस ने दुकानदार को किया गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा जनपद में 26, उधम सिंह नगर 30, पिथौरागढ़ 12, नैनीताल में 11,बागेश्वर 3, जबकि चंपावत में एक दुकानों के ठेकेदार अभी तक नहीं मिले हैं. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल के शराब की दुकानों से 962 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है.उन्होंने बताया कि बाकी बचे दुकानों को व्यवस्थापन करने का प्रयास किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि पूर्व के दुकानदारों द्वारा के कारोबार में घाटे के चलते वर्तमान समय में दुकानों को नहीं ले रहे हैं. वर्तमान समय में दैनिक आधार पर दुकानों को देने का काम चल रहा है, ठेकेदार दुकानों को नहीं लेता है तो उसके बाद टेंडर की कार्रवाई की जाएगी.

शराब ठेकों से कारोबारियों ने मोड़ा मुंह

हल्द्वानी: शराब के कारोबार को पहले धन और वर्चस्व का कारोबार माना जाता था. लेकिन इस पेशे में घाटा होने से शराब कारोबारी दुकानों के आवंटन में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. जिसका नतीजा है कि नए वित्तीय वर्ष में कुमाऊं मंडल में 83 शराब दुकानों को ठेकेदार नहीं मिले. संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने बताया प्राथमिकता के तौर पर पुराने दुकानदारों के ही दुकानें आवंटित करने की कार्रवाई चल रही है. लेकिन कई दुकानों के अभी तक आवंटन नहीं हुआ है.

कुमाऊं मंडल में 295 अंग्रेजी और देसी शराब की दुकानें हैं. जिसके सापेक्ष में इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 212 दुकानें का व्यवस्थापन हो चुका है. जबकि 83 दुकानों का अभी भी व्यवस्थापन होनी हैं. केके कांडपाल ने बताया कि पूर्व में जिन दुकानदारों द्वारा शराब की दुकानों के लिए टेंडर डाले गए थे. संभवत: घाटा होने के चलते इस बार दुकानों को नहीं चलाना चाह रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा राजस्व की प्राप्ति के मद्देनजर डेली वेज पर दुकानों को देने का काम चल रहा है, जिससे राजस्व घाटा ना हो.
पढ़ें-परचून की दुकान में महंगे दामों में बेची जा रही थी अवैध शराब, पुलिस ने दुकानदार को किया गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा जनपद में 26, उधम सिंह नगर 30, पिथौरागढ़ 12, नैनीताल में 11,बागेश्वर 3, जबकि चंपावत में एक दुकानों के ठेकेदार अभी तक नहीं मिले हैं. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल के शराब की दुकानों से 962 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है.उन्होंने बताया कि बाकी बचे दुकानों को व्यवस्थापन करने का प्रयास किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि पूर्व के दुकानदारों द्वारा के कारोबार में घाटे के चलते वर्तमान समय में दुकानों को नहीं ले रहे हैं. वर्तमान समय में दैनिक आधार पर दुकानों को देने का काम चल रहा है, ठेकेदार दुकानों को नहीं लेता है तो उसके बाद टेंडर की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Apr 19, 2023, 11:04 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.