हल्द्वानीः चीन सीमा के पास पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी-मिलम सड़क पर वैली ब्रिज ओवरलोडिंग के कारण टूट गया. कुमाऊं कमिश्नर ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने पूरे मामले में जिलाधिकारी को जांच कर लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मामला इसलिए भी संगीन है क्योंकि इस पुल के टूट जाने से न सिर्फ आईटीबीपी और सेना की सप्लाई बल्कि दर्जन भर गांवों की 7000 के करीब आबादी भी प्रभावित हुई है.
आज कुमाऊं कमिश्नर अरविंद सिंह ह्यांकी ने चीन सीमा के पास पिथौरागढ़-मिलम सड़क पर वैली ब्रिज टूटने के मामले में कार्रवाई के आदेश जारी किए. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति द्वारा लापरवाही बरती गई है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि बीआरओ के ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण के लिए ट्रक से पोकलैंड मशीन को ले जायी जा रही थी, जो पुल की क्षमता से अधिक भारी था. ऐसे में पुल पर तैनात कर्मचारियों द्वारा मना किए जाने के बाद भी संबंधित एजेंसी द्वारा जबरदस्ती ट्रक और मशीन को पुल पर ले जाया गया, जिससे यह हादसा हुआ है.
पढ़ेंः महज 8 सेकंड में कैसे गिर गया भारत-चीन को जोड़ने वाला वैली ब्रिज, दिल-दहला देने वाला VIDEO
कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जहां पुलों की क्षमता कम भार सहने की है, वहां पर वाहनों को नहीं ले जाया जाए. इसके अलावा पुलों के दोनों तरफ भार, क्षमता और साइज का चेतावनी बोर्ड लगाया जाए, जिससे कि इस तरह के हादसों को रोका जा सके.
कमिश्नर ह्यांकी ने कहा है कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं, पुल टूट जाने से सीमा क्षेत्र के 15 से अधिक गांव का देश से संपर्क टूट गया है. बीते 15 जून के बाद से चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में वहां पर वाहनों का आवागमन बढ़ गया है.
गौरतलब है कि वैली ब्रिज की क्षमता 18 टन की थी. लेकिन सोमवार के दिन पुल के ऊपर 26 टन का पोकलैंड लदा हुआ ट्राला ले जाने की कोशिश की गई. इसके चलते ट्राला पुल के साथ नदी में समा गया. इस हादसे में चालक समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.