हल्द्वानी: करीब पिछले 9 महीने से भूस्खलन के चलते काठगोदाम हैड़ाखान मार्ग बदहाल है. वहीं लगभग 200 गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग का कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत एवं आईजी नीलेश आनंद भरणे ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया. हैड़ाखान मोटर मार्ग पर मानसून सीजन में लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
काठगोदाम- हैड़ाखान मार्ग पर 280 मीटर पैच में बार-बार भूस्खलन होने से वैकल्पिक 2 किमी मार्ग का एलाईमेंट कर लिया गया है. इसके बदले वन विभाग को 3 हेक्टेयर भूमि बेतालघाट में हस्तांतरित कर दी है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मौके पर अधीक्षण अभियंता लोनिवि को सर्वे कर शीघ्र प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये हैं. आयुक्त ने नये बनने वाले वैकल्पिक मार्ग का सीमांकन का स्थलीय निरीक्षण भी किया. हैड़ाखान मार्ग काफी महत्वपूर्ण मार्ग है.
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इस मार्ग से खनस्यू, ओखलकांडा, चंपावत व रीठा साहिब क्षेत्र जुड़े हैं.वहीं मार्ग पर 24 घंटे दो जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं. जेसीबी मशीनों की तैनाती से बाधित मार्ग को जल्द खोला जाएगा. स्थलीय निरीक्षण के दौरान हल्द्वानी प्रभागीय वनाधिकारी बाबूलाल ने बताया कि वन विभाग के द्वारा सड़क मार्ग के लिए भूमि का सीमांकन कर दिया है. मार्ग पर मार्क लगा दिये गए हैं. 2 किलोमीटर मार्ग में करीब 418 पेड़ काटे जाने हैं जिसका प्रस्ताव जल्द ही पीडब्ल्यूडी वन विभाग को भेज देगा.
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उत्तराखंड में लगातार बारिश और भूस्खलन का दौर जारी है. ओखलकांडा-रीठा साहिब की लाइफ लाइन कहे जाने वाली काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग भूस्खलन प्रभावित स्थल पर खतरा बना हुआ है. भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में दोपहिया वाहन रपट रहे हैं और पैदल ही कीचड़ को पार करना लोगों की मजबूरी बन गया है. उम्मीद की जानी चाहिए कि सड़क का काम जल्द शुरू हो जाएगा, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में राहत मिल सकेगी.