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कुमाऊं कमिश्नर ने चोरगलिया वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का किया निरीक्षण, इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने चोरगलिया वन्यजीव वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का निरीक्षण किया. साथ ही नंधौर वाइल्ड लाइफ में टूरिज्म को बढ़ावा व स्थानीय लोगों को रोजगार की संभावनाओं के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.

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Published : Sep 9, 2022, 12:32 PM IST

हल्द्वानीः कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) ने चोरगलिया स्थित नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Chorgalia Wildlife Wildlife Sanctuary) और उसके आसपास का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने नंधौर वाइल्ड लाइफ में टूरिज्म को बढ़ावा व स्थानीय लोगों को रोजगार की संभावनाओं के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने निर्देशित किया कि नंधौर वाइल्ड लाइफ को टूरिज्म के क्षेत्र में कैसे जोड़ा जाए, इसके लिए वन विभाग बेहतर प्लान तैयार करे. साथ ही उन्होंने कहा कि वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में प्राकृतिक सुंदरता के अलावा इको टूरिज्म की अपार संभावना है.

निरीक्षण करते हुए कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि मोरनौला-मझौला से रीठासाहिब व आसपास के 90 गांव को जोड़ने वाली सड़क को बनाने का प्रयास किया जाएगा. इससे इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा व स्थानीय लोगों को रोजगार व उनकी आर्थिकी भी सशक्त होगी. उन्होंने कहा कि मार्ग को मोरनौला-मझोला मार्ग के नाम से जाना जाता है जो कि 1974 में निर्मित की गई थी. वर्तमान में नंधौर सेंचुरी के अंर्तगत लगभग 13.5 किलोमीटर लंबाई का मार्ग वन विभाग द्वारा संचालित होता है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक आज, हो सकते हैं कई फैसले

उन्होंने कहा कि नंधौर सेंचुरी के आसपास के गांव की महिलाओं द्वारा सहायता समूह संचालित किया जा रहा है. समूह की महिलाएं दीये, पहाड़ की पारंपरिक कलाओं से बनी वस्तुएं, ऐपण के अलावा कई तरह की गतिविधियां तैयार करती हैं. इस क्षेत्र के इको टूरिज्म क्षेत्र बन जाने से यहां के सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादनों को भी पहचान मिलेगी.

इस दौरान लोगों द्वारा नंधौर नदी के भू-कटाव, सड़क, आईटीआई, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित आदि क्षेत्रीय समस्याओं से भी अवगत कराया. कमिश्नर दीपक रावत ने अधिकारियों को समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए.

हल्द्वानीः कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) ने चोरगलिया स्थित नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Chorgalia Wildlife Wildlife Sanctuary) और उसके आसपास का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने नंधौर वाइल्ड लाइफ में टूरिज्म को बढ़ावा व स्थानीय लोगों को रोजगार की संभावनाओं के मद्देनजर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने निर्देशित किया कि नंधौर वाइल्ड लाइफ को टूरिज्म के क्षेत्र में कैसे जोड़ा जाए, इसके लिए वन विभाग बेहतर प्लान तैयार करे. साथ ही उन्होंने कहा कि वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में प्राकृतिक सुंदरता के अलावा इको टूरिज्म की अपार संभावना है.

निरीक्षण करते हुए कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि मोरनौला-मझौला से रीठासाहिब व आसपास के 90 गांव को जोड़ने वाली सड़क को बनाने का प्रयास किया जाएगा. इससे इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा व स्थानीय लोगों को रोजगार व उनकी आर्थिकी भी सशक्त होगी. उन्होंने कहा कि मार्ग को मोरनौला-मझोला मार्ग के नाम से जाना जाता है जो कि 1974 में निर्मित की गई थी. वर्तमान में नंधौर सेंचुरी के अंर्तगत लगभग 13.5 किलोमीटर लंबाई का मार्ग वन विभाग द्वारा संचालित होता है.
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उन्होंने कहा कि नंधौर सेंचुरी के आसपास के गांव की महिलाओं द्वारा सहायता समूह संचालित किया जा रहा है. समूह की महिलाएं दीये, पहाड़ की पारंपरिक कलाओं से बनी वस्तुएं, ऐपण के अलावा कई तरह की गतिविधियां तैयार करती हैं. इस क्षेत्र के इको टूरिज्म क्षेत्र बन जाने से यहां के सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादनों को भी पहचान मिलेगी.

इस दौरान लोगों द्वारा नंधौर नदी के भू-कटाव, सड़क, आईटीआई, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित आदि क्षेत्रीय समस्याओं से भी अवगत कराया. कमिश्नर दीपक रावत ने अधिकारियों को समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए.

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