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उत्तराखंड आपदा: किशोर उपाध्याय बोले- रैणी आपदा से भी सरकार ने नहीं लिया सबक

उत्तराखंड में बीते दिनों आई दैवीय आपदा को लेकर पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने रैणी आपदा से लेकर रामगढ़ की घटनाओं से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया है.

Kishore Upadhyay
Kishore Upadhyay
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Published : Oct 24, 2021, 7:06 AM IST

हल्द्वानी: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों कांग्रेस जुटी है. इसी कड़ी में हल्द्वानी पहुंचे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड आपदा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड सरकार ने धरातल पर कोई भी काम नहीं किया है. साथ ही रैणी से लेकर रामगढ़ की आपदा से राज्य सरकार ने कोई सीख नहीं ली है. अगर राज्य सरकार ने कुछ भी काम किया होता हो, इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र में आई यह आपदा मानव निर्मित है. इसके जिम्मेदार केवल हम हैं. उन्होंने कहा कि यह सोचनीय विषय है कि इन आपदाओं से निपटने के लिए समाधान निकला सकता है. उन्होंने कहा कि आपदा ग्रस्त इलाकों में पीड़ितों ने खुद बताया कि वह सरकारी अमले को खाना खिला रहे हैं.

धामी सरकार पर जमकर बरसे किशोर उपाध्याय.

आपदा प्रभावितों को कोई भी सरकारी राहत नहीं मिल पा रही है. उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला प्रदेश है. उसको देखते हुए सबसे पहले यहां आपदा के मानक बदलने चाहिए. साथ ही आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को कम से कम 50 लाख का मुआवजा और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.

पढ़ें- Weather Report: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार, निचले इलाकों में बारिश का अलर्ट

उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान लोगों को ना बचा पाना सरकार की नाकामी है. सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवारों के नुकसान का सही आकलन कर उनको शत प्रतिशत मुआवजा उपलब्ध कराए. वहीं, मौजूदा सरकार सिर्फ हवाई दौरे तक सीमित है.

हल्द्वानी: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों कांग्रेस जुटी है. इसी कड़ी में हल्द्वानी पहुंचे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड आपदा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड सरकार ने धरातल पर कोई भी काम नहीं किया है. साथ ही रैणी से लेकर रामगढ़ की आपदा से राज्य सरकार ने कोई सीख नहीं ली है. अगर राज्य सरकार ने कुछ भी काम किया होता हो, इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र में आई यह आपदा मानव निर्मित है. इसके जिम्मेदार केवल हम हैं. उन्होंने कहा कि यह सोचनीय विषय है कि इन आपदाओं से निपटने के लिए समाधान निकला सकता है. उन्होंने कहा कि आपदा ग्रस्त इलाकों में पीड़ितों ने खुद बताया कि वह सरकारी अमले को खाना खिला रहे हैं.

धामी सरकार पर जमकर बरसे किशोर उपाध्याय.

आपदा प्रभावितों को कोई भी सरकारी राहत नहीं मिल पा रही है. उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला प्रदेश है. उसको देखते हुए सबसे पहले यहां आपदा के मानक बदलने चाहिए. साथ ही आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को कम से कम 50 लाख का मुआवजा और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान लोगों को ना बचा पाना सरकार की नाकामी है. सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवारों के नुकसान का सही आकलन कर उनको शत प्रतिशत मुआवजा उपलब्ध कराए. वहीं, मौजूदा सरकार सिर्फ हवाई दौरे तक सीमित है.

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