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गजब! परिवहन विभाग को 53 रुपये का चेक देने में लगे 2 साल

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Published : Jun 30, 2021, 8:04 AM IST

परिवहन विभाग हल्द्वानी ने 2 साल पहले पंचायत चुनाव में 150 वाहनों का अधिग्रहण किया था. जिनमें 78 वाहनों का संचालन किया गया था.

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2 साल में 53 रुपये का चेक

हल्द्वानी: उत्तराखंड में 2 साल पहले हुए पंचायत चुनाव ड्यूटी के लिए जिला प्रशासन द्वारा 150 छोटी-बड़ी गाड़ियों का अधिग्रहण किया था. जिसमें 78 वाहनों का संचालन हुआ था. लेकिन इन वाहनों को अपने भुगतान के पैसों को लेने के लिए करीब 2 साल से अधिक का समय लग गया. यही नहीं कई ऐसे वाहन स्वामी हैं जिनका न्यूनतम भुगतान 53 रुपए से लेकर 200 रुपए तक हैं.

बता दें कि परिवहन विभाग हल्द्वानी ने 2 साल पहले पंचायत चुनाव में 150 वाहनों का अधिग्रहण किया था. जिनमें 78 वाहनों का संचालन किया गया था. उस दौरान वाहन चालकों को वाहन में डालने के लिए केवल तेल दिया गया था और बाकी भुगतान को जल्द देने की बात कही गई थी. लेकिन भुगतान करने में विभाग ने 2 साल से ज्यादा का समय लगा दिया.

53 रुपये के चेक देने में लगे 2 साल.

ये भी पढ़ें: हाईकमान ने सीएम तीरथ को दिल्ली बुलाया, राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

वहीं, परिवहन विभाग द्वारा 2 साल बाद वाहन चालकों को भुगतान किया है. लेकिन इनमें कुछ ऐसे वाहन चालक हैं. जिन्हें मात्र 53 रुपए से लेकर करीब 200 रुपये तक का भुगतान किया है. अब ऐसे में इतनी छोटी सी रकम की चेक देखकर वाहन चालक हैरान हैं. वाहन चालकों का कहना है कि 2 साल से अधिक का इंतजार करने के बाद उन्हें इतनी छोटी रकम दी गई है. जो उनका पूरा मेहनताना भी नहीं है.

ये भी पढ़ें: VISA की राह में वैक्सीनेशन का रोड़ा, युवाओं के सपनों पर फिरा पानी!

संभागीय परिवहन अधिकारी राजीव मेहरा का कहना है कि पंचायत चुनाव के दौरान जो भी टैक्सी वाहनों को अधिग्रहण किया गया था. उनको उस दौरान जरूरत के अनुसार ईंधन दी गई थी. कई वाहन चालकों ने किराए के एवज में ईंधन डलवा लिया था. जिससे उनके भुगतान की राशि कम रही है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे टैक्सी चालक है जिनका किराया ₹2000 बनता है लेकिन उन्होंने इसके एवज में उस दौरान 1947 रुपए का तेल डलवा लिया था. जिसके बाद उनके ₹53 बच गए थे जिनका अब भुगतान किया गया है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में पहली बार दिखा दुर्लभ ब्लैक बेलीड कोरल स्नेक, विशेषज्ञ बता रहे बड़ी उपलब्धि

आपको बता दें कि, पंचायत चुनाव के दौरान जिन वाहनों का अधिग्रहण होता है उनका कोई एग्रीमेंट नहीं होता है. परिवहन विभाग अपने स्तर से गाड़ियों को अधिग्रहण कर उनको रोजना का किराया देता है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड में 2 साल पहले हुए पंचायत चुनाव ड्यूटी के लिए जिला प्रशासन द्वारा 150 छोटी-बड़ी गाड़ियों का अधिग्रहण किया था. जिसमें 78 वाहनों का संचालन हुआ था. लेकिन इन वाहनों को अपने भुगतान के पैसों को लेने के लिए करीब 2 साल से अधिक का समय लग गया. यही नहीं कई ऐसे वाहन स्वामी हैं जिनका न्यूनतम भुगतान 53 रुपए से लेकर 200 रुपए तक हैं.

बता दें कि परिवहन विभाग हल्द्वानी ने 2 साल पहले पंचायत चुनाव में 150 वाहनों का अधिग्रहण किया था. जिनमें 78 वाहनों का संचालन किया गया था. उस दौरान वाहन चालकों को वाहन में डालने के लिए केवल तेल दिया गया था और बाकी भुगतान को जल्द देने की बात कही गई थी. लेकिन भुगतान करने में विभाग ने 2 साल से ज्यादा का समय लगा दिया.

53 रुपये के चेक देने में लगे 2 साल.

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वहीं, परिवहन विभाग द्वारा 2 साल बाद वाहन चालकों को भुगतान किया है. लेकिन इनमें कुछ ऐसे वाहन चालक हैं. जिन्हें मात्र 53 रुपए से लेकर करीब 200 रुपये तक का भुगतान किया है. अब ऐसे में इतनी छोटी सी रकम की चेक देखकर वाहन चालक हैरान हैं. वाहन चालकों का कहना है कि 2 साल से अधिक का इंतजार करने के बाद उन्हें इतनी छोटी रकम दी गई है. जो उनका पूरा मेहनताना भी नहीं है.

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संभागीय परिवहन अधिकारी राजीव मेहरा का कहना है कि पंचायत चुनाव के दौरान जो भी टैक्सी वाहनों को अधिग्रहण किया गया था. उनको उस दौरान जरूरत के अनुसार ईंधन दी गई थी. कई वाहन चालकों ने किराए के एवज में ईंधन डलवा लिया था. जिससे उनके भुगतान की राशि कम रही है. उन्होंने कहा कि कई ऐसे टैक्सी चालक है जिनका किराया ₹2000 बनता है लेकिन उन्होंने इसके एवज में उस दौरान 1947 रुपए का तेल डलवा लिया था. जिसके बाद उनके ₹53 बच गए थे जिनका अब भुगतान किया गया है.

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आपको बता दें कि, पंचायत चुनाव के दौरान जिन वाहनों का अधिग्रहण होता है उनका कोई एग्रीमेंट नहीं होता है. परिवहन विभाग अपने स्तर से गाड़ियों को अधिग्रहण कर उनको रोजना का किराया देता है.

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