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Irrigation Crisis: गर्मियों से पहले किसानों के सामने सिंचाई संकट, नैनीताल में 60 नहरें क्षतिग्रस्त - नैनीताल में सिंचाई संकट

गर्मियों का सीजन आने वाला है और उससे पहले ही नैनीताल जिले में बड़ा संकट खड़ा है गया है. किसान चिंतित हैं कि गर्मियों को वो खेतों की सिंचाई कैसे करेंगे. वैसे जो जिले में 200 से अधिक छोटी-बड़ी नहरें हैं लेकिन इनमें से करीब 60 नहरें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.

irrigation crisis for farmers
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Published : Feb 28, 2023, 4:30 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 4:52 PM IST

नैनीताल में नहरों के क्षतिग्रस्त होने पर जानकारी देते विभाग के मुख्य अभियंता.

हल्द्वानी: गर्मी से पहले ही किसानों के सामने सिंचाई संकट खड़ा हो गया है. वजह ये है कि नैनीताल जनपद के 60 छोटी-बड़ी नहरें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिसके चलते किसानों के सामने सिंचाई संकट बना हुआ है. यही नहीं, नहरें क्षतिग्रस्त होने के चलते नहरों का पानी सड़कों पर आ रहा है. वहीं, विभाग की ओर से क्षतिग्रस्त नहरों के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू करने की बात कही जा रही है.

विभाग के मुताबिक, नैनीताल जनपद में सिंचाई के लिए 284 छोटी-बड़ी नहरें हैं, जिससे किसानों की फसलों की सिंचाई होती है. लेकिन 2 साल पहले आई भारी आपदा के चलते बहुत सी नहरें क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जो अभी तक नहीं बन पाई हैं. मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला बताते हैं कि वर्तमान समय में 40 नहरें ऐसी हैं जो क्षतिग्रस्त हैं. इन नहरों के पुनर्निर्माण के लिए बजट मिल गया है और पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है. जबकि 20 नहरें ऐसी हैं जो पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं और विभाग द्वारा इनको परित्याग घोषित कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि बहुत सी ऐसी नहरे हैं जहां लोक निर्माण विभाग के सड़कों के निर्माण के चलते नहर क्षतिग्रस्त हैं. नहरें क्षतिग्रस्त होने के चलते पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा और सिंचाई नहीं होने से किसानों के सामने परेशानियां खड़ी हो रही हैं. आलम ये है कि नहरें क्षतिग्रस्त होने के चलते पानी इधर-उधर फैल रहा है.
पढ़ें- कभी दून की पहचान हुआ करती थी नहरें, अब आधुनिकीकरण और कंक्रीट के जंगलों में हुई गुम

बात उधम सिंह नगर जनपद की करें तो यहां सिंचाई विभाग की 247 नहर हैं, जिसमें 240 नहरें ठीक स्थिति में हैं जबकि सात नहर बंद हैं. सिंचाई विभाग के मुताबिक, पांच नहरें पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं, जिसको विभाग द्वारा परित्याग कर दिया गया है जबकि दो बंद नहरों के पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है. मुख्य अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि क्षतिग्रस्त नहरों के पुनर्निर्माण का कार्य मई महीने तक पूरा कर लिया जाएगा, जिससे आने वाले गर्मी के सीजन में सिंचाई का संकट पैदा नहीं होगा.

नैनीताल में नहरों के क्षतिग्रस्त होने पर जानकारी देते विभाग के मुख्य अभियंता.

हल्द्वानी: गर्मी से पहले ही किसानों के सामने सिंचाई संकट खड़ा हो गया है. वजह ये है कि नैनीताल जनपद के 60 छोटी-बड़ी नहरें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिसके चलते किसानों के सामने सिंचाई संकट बना हुआ है. यही नहीं, नहरें क्षतिग्रस्त होने के चलते नहरों का पानी सड़कों पर आ रहा है. वहीं, विभाग की ओर से क्षतिग्रस्त नहरों के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू करने की बात कही जा रही है.

विभाग के मुताबिक, नैनीताल जनपद में सिंचाई के लिए 284 छोटी-बड़ी नहरें हैं, जिससे किसानों की फसलों की सिंचाई होती है. लेकिन 2 साल पहले आई भारी आपदा के चलते बहुत सी नहरें क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जो अभी तक नहीं बन पाई हैं. मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला बताते हैं कि वर्तमान समय में 40 नहरें ऐसी हैं जो क्षतिग्रस्त हैं. इन नहरों के पुनर्निर्माण के लिए बजट मिल गया है और पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है. जबकि 20 नहरें ऐसी हैं जो पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं और विभाग द्वारा इनको परित्याग घोषित कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि बहुत सी ऐसी नहरे हैं जहां लोक निर्माण विभाग के सड़कों के निर्माण के चलते नहर क्षतिग्रस्त हैं. नहरें क्षतिग्रस्त होने के चलते पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा और सिंचाई नहीं होने से किसानों के सामने परेशानियां खड़ी हो रही हैं. आलम ये है कि नहरें क्षतिग्रस्त होने के चलते पानी इधर-उधर फैल रहा है.
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बात उधम सिंह नगर जनपद की करें तो यहां सिंचाई विभाग की 247 नहर हैं, जिसमें 240 नहरें ठीक स्थिति में हैं जबकि सात नहर बंद हैं. सिंचाई विभाग के मुताबिक, पांच नहरें पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं, जिसको विभाग द्वारा परित्याग कर दिया गया है जबकि दो बंद नहरों के पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है. मुख्य अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि क्षतिग्रस्त नहरों के पुनर्निर्माण का कार्य मई महीने तक पूरा कर लिया जाएगा, जिससे आने वाले गर्मी के सीजन में सिंचाई का संकट पैदा नहीं होगा.

Last Updated : Feb 28, 2023, 4:52 PM IST
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