हल्द्वानी: स्कूलों और पंचायत घरों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में लगातार मिल रही खामियों के बाद नोडल अधिकारी हरेंद्र मिश्रा ने हल्द्वानी ब्लॉक के 70 स्कूलों और पंचायत भवनों के क्वारंटाइन सेंटरों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. बताया जा रहा है कि दिन में टीचर्स अपनी ड्यूटी तो निभा रहे हैं, लेकिन रात में इन क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया जा रहा है.
यहां तक कि क्वारंटाइन सेंटर में कौन आ रहा है, कौन जा रहा है और वहां की किन चीजों की आवश्यकता हैं, इसका रजिस्टर भी मेंटेन नहीं किया जा रहा है. स्कूलों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरो में दिन की व्यवस्था शिक्षक और जनप्रतिनिधि देखते हैं. लेकिन रात की देखभाल के लिए कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासन का व्यक्ति मौजूद नहीं रहता है. बता दें कि, जिले के क्वारंटाइन सेंटर में कई घटनाओं होने के बाद और जिलाधिकारी के निर्देश के बाद क्वारंटाइन सेंटरों की निगरानी के लिए कमेटी गठित की गई है. ग्राम स्तर पर बनाए गये क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था स्कूल टीचर और ग्राम प्रधान कर रहे हैं.
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वहीं ग्राम प्रधानों का आरोप है कि स्कूलों और पंचायत घर में क्वारंटाइन सेंटर तो बना दिए गए हैं, लेकिन इसकी पूरी व्यवस्था और निगरानी का काम ग्राम प्रधानों को दे दिया गया है. लेकिन बजट नहीं होने के चलते काफी दिक्कतें सामने आ रही हैं. विधायक निधि से मात्र 10,000 रुपये का बजट मिला, लेकिन उससे ज्यादा अधिक खर्च हो जा रहा हैं. ऐसे में ग्राम प्रधानों ने जिला प्रशासन से बजट की मांग की है. साथ ही सभी ग्राम प्रधानों ने कहा है कि जिस तरह से शिक्षा विभाग क्वारंटाइन सेंटरों की दिन में निगरानी कर रहा है, उसी प्रकार रात की भी निगरानी की जाए, जिससे कि क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासियों को किसी तरह की दिक्कत न हो.