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₹173 करोड़ का अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बना सफेद हाथी, लोकार्पण के बाद भी बहा रहा बदहाली के आंसू

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Published : May 1, 2022, 1:59 PM IST

2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का लोकार्पण किया था. वहीं, चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन खेल मंत्री अरविंद पांडे ने इंडोर स्टेडियम का उद्घाटन किया था, 173 करोड़ की लागत से बना यह स्टेडियम आज बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर है. अभी तक इस खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया है. जिसकी वजह से प्रदेश के युवाओं को इसका लाभ नहीं पा रहा है.

Indira Gandhi International Cricket Stadium
अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बना सफेद हाथी

हल्द्वानी: कांग्रेस शासनकाल में ₹173 करोड़ की लागत से हल्द्वानी के गौलापार में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम (Indira Gandhi International Cricket Stadium) और इनडोर स्टेडियम बनाया गया. लेकिन लोकार्पण के कई साल बाद भी ये स्टेडियम खेल विभाग को हस्तांतरण नहीं हो पाया है. यहां तक की कांग्रेस शासनकाल में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का लोकार्पण (International Stadium inaugurated) हो चुका है. वहीं, बीजेपी सरकार में रहे खेल मंत्री अरविंद पांडे ने इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण किया था.

कुमाऊं कमिश्नर ने लिया जायजा: दोनों स्टेडियम आज तक खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हो पाए हैं. जिसके चलते स्टेडियम की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. ऐसे में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने स्टेडियम का निरीक्षण (Kumaon Commissioner Deepak Rawat inspected stadium) किया. जहां उन्होंने सभी व्यवस्थाओं को जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा स्टेडियम का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसके हस्तांतरण के लिए जल्द ही शासन को लिखेंगे. ताकि इस स्टेडियम के रख-रखाव के साथ-साथ यहां के युवाओं को भी इसका लाभ मिल सके.

अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम लोकार्पण के बाद भी बहा रहा बदहाली के आंसू.

कांग्रेस कार्यकाल में बना स्टेडियम: बता दें कि गौलापार में 9 नवंबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस स्टेडियम की आधारशिला रखी थी. जिसके बाद 18 दिसंबर 2016 को हरीश रावत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का लोकार्पण किया. जहां द ग्रेट खली का रेसलिंग का शो भी किया गया था. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लोकार्पण के 6 साल बाद भी खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया, जिसके चलते खेल प्रेमियों को काफी नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित, दो लाख से ज्यादा ने कराया पंजीकरण

इंडोर स्टेडियम का निर्माण: इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अब धीरे-धीरे बदहाली के दौर से गुजर रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के पास इंडोर स्टेडियम का भी निर्माण किया गया है, जिसका लोकार्पण तत्कालीन खेल मंत्री अरविंद पांडे ने किया. लेकिन मंत्री के लोकार्पण के बाद भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हो पाया. इनडोर स्टेडियम का लाभ खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रहा है.

बदहाली से गुजर रहा स्टेडियम: करोड़ों की लागत से बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और इनडोर स्टेडियम अब धीरे-धीरे बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं, मानो सफेद हाथी हो, लेकिन खेल विभाग इसे अपने अधीन हस्तांतरित भी नहीं करा पा रहा है. बताया जा रहा है कि कंपनी को अभी भी 6.60 करोड़ रुपए बकाया देना, जिसके बाद कंपनी खेल विभाग को स्टेडियम हस्तांतरित करेगी.

खेल विभाग को हस्तातंरित नहीं हुआ: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और इनडोर स्टेडियम का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि स्टेडियम को खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं होने से युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में जल्द शासन स्तर पर कर्रवाई कर खेल विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा. जिसके लिए वह शासन को पत्र लिख रहे हैं. साथ ही कंपनी को निर्देशित किया है कि 1 महीने के भीतर सभी व्यवस्थाएं ठीक कर लिया जाए.

हल्द्वानी: कांग्रेस शासनकाल में ₹173 करोड़ की लागत से हल्द्वानी के गौलापार में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम (Indira Gandhi International Cricket Stadium) और इनडोर स्टेडियम बनाया गया. लेकिन लोकार्पण के कई साल बाद भी ये स्टेडियम खेल विभाग को हस्तांतरण नहीं हो पाया है. यहां तक की कांग्रेस शासनकाल में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का लोकार्पण (International Stadium inaugurated) हो चुका है. वहीं, बीजेपी सरकार में रहे खेल मंत्री अरविंद पांडे ने इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण किया था.

कुमाऊं कमिश्नर ने लिया जायजा: दोनों स्टेडियम आज तक खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हो पाए हैं. जिसके चलते स्टेडियम की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. ऐसे में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने स्टेडियम का निरीक्षण (Kumaon Commissioner Deepak Rawat inspected stadium) किया. जहां उन्होंने सभी व्यवस्थाओं को जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा स्टेडियम का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसके हस्तांतरण के लिए जल्द ही शासन को लिखेंगे. ताकि इस स्टेडियम के रख-रखाव के साथ-साथ यहां के युवाओं को भी इसका लाभ मिल सके.

अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम लोकार्पण के बाद भी बहा रहा बदहाली के आंसू.

कांग्रेस कार्यकाल में बना स्टेडियम: बता दें कि गौलापार में 9 नवंबर 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस स्टेडियम की आधारशिला रखी थी. जिसके बाद 18 दिसंबर 2016 को हरीश रावत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का लोकार्पण किया. जहां द ग्रेट खली का रेसलिंग का शो भी किया गया था. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लोकार्पण के 6 साल बाद भी खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया, जिसके चलते खेल प्रेमियों को काफी नुकसान हो रहा है.

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इंडोर स्टेडियम का निर्माण: इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अब धीरे-धीरे बदहाली के दौर से गुजर रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के पास इंडोर स्टेडियम का भी निर्माण किया गया है, जिसका लोकार्पण तत्कालीन खेल मंत्री अरविंद पांडे ने किया. लेकिन मंत्री के लोकार्पण के बाद भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हो पाया. इनडोर स्टेडियम का लाभ खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रहा है.

बदहाली से गुजर रहा स्टेडियम: करोड़ों की लागत से बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और इनडोर स्टेडियम अब धीरे-धीरे बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं, मानो सफेद हाथी हो, लेकिन खेल विभाग इसे अपने अधीन हस्तांतरित भी नहीं करा पा रहा है. बताया जा रहा है कि कंपनी को अभी भी 6.60 करोड़ रुपए बकाया देना, जिसके बाद कंपनी खेल विभाग को स्टेडियम हस्तांतरित करेगी.

खेल विभाग को हस्तातंरित नहीं हुआ: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और इनडोर स्टेडियम का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि स्टेडियम को खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं होने से युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में जल्द शासन स्तर पर कर्रवाई कर खेल विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा. जिसके लिए वह शासन को पत्र लिख रहे हैं. साथ ही कंपनी को निर्देशित किया है कि 1 महीने के भीतर सभी व्यवस्थाएं ठीक कर लिया जाए.

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