नैनीताल: उत्तराखंड में लॉकडाउन प्रकृति और पर्यावरण के लिए अच्छी खबर लेकर आया है. लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं में 80% की कमी आई है.
साल 2019 में रोजाना जंगलों में लगी आग की खबरें सामने आ रही थी. जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग जरूरी कदम उठा रहा है. वन विभाग के कर्मचारी सड़क किनारे सूखे पत्ते और घास को हटा रहे हैं. ताकि आग लगने पर आबादी वाली क्षेत्रों को कोई खतरा ना हो.
नैनीताल के मुख्य वन संरक्षण अधिकारी डॉ पराग मधुकर धकाते के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान जंगल में आग लगने की घटनाएं कम हुईं हैं. लॉकडाउन की वजह से जंगलों में लोगों की गतिविधियां कम हुईं है. जिसकी वजह से आग लगने की घटनाओं में कमी आई है.
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1 अप्रैल 2019 से लेकर 15 अप्रैल 2019 के बीच प्रदेश के 150 जगहों पर आग लगी थी. वहीं 1 अप्रैल 2020 से लेकर 15 अप्रैल 2020 तक सिर्फ 84 घटनाएं सामने आईं हैं. कुमाऊं क्षेत्र में 15 अप्रैल 2020 से अभी तक जंगल में आग लगने की 19 घटनाएं सामने आईं हैं. जिसमें 31.55 हेक्टेयर जमीन को नुकसान हुआ है. जिसकी वजह 8 लाख 3 हजार 650 रुपए की वन संपदा को नुकसान हुआ है.
गढ़वाल क्षेत्र में 15 अप्रैल से अभी तक जंगल में आग लगने की 15 घटनाएं सामने आईं हैं. आग से करीब 9.75 हेक्टेयर जंगल को नुकसान हुआ है और 2 लाख 4 हजार 525 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.