रामनगर: 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध के पूरे 50 वर्ष पूरे होने पर सेनानियों द्वारा विजय स्वर्णिम विजय मशाल जुलूस यात्रा आज रामनगर पहुंची. इस मशाल जुलूस यात्रा में 42 लोग सेनानियों के साथ शहीदों के घर पर पहुंचे. वहीं, इस मशाल जुलूस का नेतृत्व हल्द्वानी के स्टेशन कमांडर कर्नल अमित मोहन ने किया. इस दौरान शहीदों के घर-घर जाकर वीरांगनाओं और उनके परिजनों को सम्मानित किया जा रहा है.
बता दें कि भारतीय इतिहास में स्वर्णिम इतिहास है कि जब जब देश में राष्ट्रप्रेम का बिगुल बजा है, तब तक क्या बूढ़े क्या जवान क्या औरतें क्या बच्चे सब ने एक साथ मिलकर भावात्मक एकता की मिसाल कायम की. इसी का एक क्षण आज रामनगर में देखने को मिला. जब यह सेना सम्मान करने के लिए आज रामनगर पहुंची.
इस दौरान मशाल जुलूस को देखने वालों के तांता लग गया, जो अनुकरणीय है. यह हमारे भारत के सभी लोगों के लिए गौरवपूर्ण क्षण था, हमारे युवाओं के लिए कि वह ऐसे वीर सपूतों से प्रेरणा लेकर भारतीय सेना में जाने के लिए उत्साहित हो सके. वहीं, मशाल जुलूस यात्रा रामनगर पहुंचने पर हवलदार मनीराम शर्मा की वीरंगना, श्रीमती किशोरी देवी और नीलांबर पांडे की वीरांगना, श्रीमती मुन्नी देवी को उनके निवास स्थान पर पहुंचकर सम्मानित किया गया.
वीर मनीराम की वीरांगना किशोरी देवी ने कहा कि उनको गर्व है कि उनके पति ने देश के लिए शहादत दी है. वही 1971 के युद्ध में अपने पिता को खोने वाले अजय शर्मा कहते हैं कि यह उनके लिए न भूलने वाला पल है और आज उनको बहुत ही खुशी हो रही है कि पूरी टीम ने यहां आकर उनकी माताजी को घर पर सम्मानित किया. वहीं, जुलूस को आगामी तीन जनवरी को हल्द्वानी में सम्मेलन कर समाप्त कर दिया जाएगा.
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वहीं, पाकिस्तान पर भारतीय जीत के स्वर्णिम 50 वर्ष पूर्ण होने पर सम्मानित करने पहुंचे स्टेशन कमांडर कर्नल अमित मोहन ने कहा कि 1971 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले शहीदों की वीरांगनाओं और परिवारों को सम्मानित किया जा रहा है. उसी के तहत आज मशाल जुलूस लेकर सैनिक पहुंचे हैं. इस दौरान कार्यक्रम में भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष नवीन पोखरियाल, पूर्व सैनिक भुवन डंगवाल और अन्य उपस्थित थे.