नैनीतालः पर्यटन नगरी नैनीताल में लगने वाले जाम से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को निजात दिलाने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. काठगोदाम से नैनीताल तक बनने वाले 14 किलोमीटर लंबे रोप-वे निर्माण मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार,उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड को 4 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने बलिया नाला क्षेत्र का ट्रीटमेंट कर रही कंपनी को मामले में पार्टी यानी पक्षकार बनाया है.
नैनीताल निवासी प्रोफेसर अजय रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल में टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और राज्य सरकार के द्वारा काठगोदाम से नैनीताल तक रोप-वे का निर्माण किया जाना है. इस रोप-वे के स्टैंड को हनुमानगढ़ क्षेत्र में बनाया जाएगा, जो आने वाले समय में बेहद खतरनाक साबित होगा. हनुमानगढ़ क्षेत्र में कोई भी भारी निर्माण नहीं किया जा सकता है. क्योंकि हनुमानगढ़ क्षेत्र बलिया नाला और निहाल नाले के बीच स्थित है. इन दोनों नालों में लंबे समय से भूस्खलन हो रहा है जिस वजह से आने वाले समय में क्षेत्र को बड़ा खतरा हो सकता है.
लिहाजा इस काम पर रोक लगाई जाए. याचिकाकर्ता अजय रावत ने बताया कि भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर यह क्षेत्र अति संवेदनशील है.मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार, उत्तराखंड पर्यटन बोर्ड को 4 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए. साथ ही बलिया नाला क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन का ट्रीटमेंट कर रही कंपनी को याचिका में पक्षकार बनाया. मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी.