नैनीताल: प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में हाईकोर्ट ने एसआईटी के दोनों अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. प्रदेश के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए घोटाले की जांच कर रहे एसआईटी के अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ को 4 मार्च को व्यक्तिगत रूप से नैनीताल हाई कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान कॉलेज एसोसिएशन के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि कॉलेज छात्रवृत्ति का पैसा वापस देने को तैयार है और 2 दिन के अंदर 50 लाख रुपए वापस कर दिया जाएगा.
बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है.
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वर्ष 2017 में मामले की जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित की गई थी और 3 माह में जांच पूरी करने को कहा गया था, लेकिन इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में जांच सीबीआई से होनी चाहिए. मामले की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने घोटाले की जांच कर रहे दोनों जांच अधिकारियों को हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश दिया है.