नैनीताल: साल 2011 में शांतिकुंज में मची भगदड़ मामले में प्रणव पांड्या की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट और सभी दस्तावेज 2 सप्ताह के भीतर पेश करने के आदेश दिए हैं. शांतिकुंज में मची इस भगदड़ में तब 20 लोग मारे गये थे.
मामले में हरिद्वार के रहने वाले विवेक शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका की थी. जिसमें कहा गया कि साल 2011 में हरिद्वार शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पांड्या ने अपने गुरु श्रीराम शर्मा की जन्म शताब्दी मनाई थी. जिसमें अलग-अलग राज्यों के 5 मुख्यमंत्री सहित कई वीआईपी और करीब एक लाख भक्त पहुंचे थे. इसी कार्यक्रम के दौरान शांतिकुंज परिवार ने वीआईपी एवं आम जनता के लिए हवन करने हेतु अलग-अलग व्यवस्था की थी. इस हवन के दौरान भगदड़ मची थी. जिसमे 20 लोगों की मौत व 67 लोग घायल हुए थे. मगर अब तक इस मामले में प्रणव पंड्या और सरकार ने किसी भी पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं दिया.
पढ़ें- IPL गर्ल तान्या को बचपन से था क्रिकेट का शौक, पिता का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
याचिकाकर्ता विवेक शुक्ला का कहना है कि पुलिस के द्वारा भी पूरे मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. जिसकी जांच अभी स्पष्ट नहीं हुई है. सरकार द्वारा इस मामले को दबा दिया गया. लिहाजा इस मामले की फिर से जांच की जाए.