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कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध पेड़ कटान के मामले में हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव से जवाब तलब - कॉर्बेट नेशनल पार्क

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालागढ़ रेंज में पेड़ों के अवैध कटान (Kalagarh range illegal tree felling) और निर्माण को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है. साथ ही मामले में मुख्य सचिव से जवाब पेश करने के आदेश मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने दिए हैं.

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Published : Jan 7, 2023, 1:27 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ रेंज में पेड़ों के अवैध कटान (Kalagarh range illegal tree felling) और निर्माण के मामले में देहरादून निवासी अनु पंत की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मुख्य सचिव से जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने एक साल पहले पेड़ों के अवैध कटान (kalagarh range illegal tree felling case) के बारे में मुख्य सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि छह हजार पेड़ काटे गए, अभी तक पांच जांच हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मुख्य सचिव ने भी अपने शपथ पत्र में कहा था कि वे समय-समय पर न्यायालय को की जा रही कार्रवाई के बारे में अवगत कराते रहेंगे. परंतु एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी उनके द्वारा किसी भी तथ्य के बारे में माननीय न्यायालय को अवगत नहीं कराया गया.
पढ़ें-देहरादून में नदी की भूमि पर अतिक्रमण, HC ने दिखाई सख्ती,राज्य सरकार और DM से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कोर्ट में यह तथ्य उठाया कि नवीन रहेजा के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का एक भी वृक्ष नहीं काटा जा सकता. परंतु वर्तमान में फॉरेस्ट सर्वे के अनुसार 6000 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक काला धब्बा है. उन्होंने माननीय न्यायालय को यह भी बताया कि विभागाध्यक्ष द्वारा गठित जोशी कमेटी के अनुसार कई अफसरों को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन इन शीर्ष अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ रेंज में पेड़ों के अवैध कटान (Kalagarh range illegal tree felling) और निर्माण के मामले में देहरादून निवासी अनु पंत की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मुख्य सचिव से जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने एक साल पहले पेड़ों के अवैध कटान (kalagarh range illegal tree felling case) के बारे में मुख्य सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि छह हजार पेड़ काटे गए, अभी तक पांच जांच हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मुख्य सचिव ने भी अपने शपथ पत्र में कहा था कि वे समय-समय पर न्यायालय को की जा रही कार्रवाई के बारे में अवगत कराते रहेंगे. परंतु एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी उनके द्वारा किसी भी तथ्य के बारे में माननीय न्यायालय को अवगत नहीं कराया गया.
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याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कोर्ट में यह तथ्य उठाया कि नवीन रहेजा के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का एक भी वृक्ष नहीं काटा जा सकता. परंतु वर्तमान में फॉरेस्ट सर्वे के अनुसार 6000 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक काला धब्बा है. उन्होंने माननीय न्यायालय को यह भी बताया कि विभागाध्यक्ष द्वारा गठित जोशी कमेटी के अनुसार कई अफसरों को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन इन शीर्ष अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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