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दून यूनिवर्सिटी के कुलपति की मुश्किलें बढ़ीं, HC ने तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के दिए निर्देश - उत्तराखंड समाचार

दून विश्वविद्यालय में वीसी के पद पर नियुक्ति को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दून विश्वविद्यालय के वीसी को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने मामले को लेकर राज्य सरकार, यूजीसी और सीएसआईआर को तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

दून विश्वविद्यालय
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Published : Mar 26, 2019, 10:14 PM IST

नैनीतालः दून विश्वविद्यालय में वीसी के पद पर नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. वीसी के पद को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दून विश्वविद्यालय के वीसी को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने मामले को लेकर राज्य सरकार, यूजीसी और सीएसआईआर को तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब मामले कि अगली सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता एमसी पंत.


बता दें कि आरटीआई के अध्यक्ष और सेवानिवृत लेक्चरर यज्ञदत्त शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि दून विश्वविद्यालय के वीसी जीएस नौटियाल ने यूनिवर्सिटी के नियम, यूजीसी और सीएसआईआर के विरुद्ध और अपने बायोडाटा में गलत तथ्य देकर तत्कालीन शिक्षा सचिव रणवीर सिंह से वीसी के पद पर नियुक्ति पाई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि नियुक्त नए वीसी के पास पढ़ाने का दस साल का अनुभव नहीं हैं और ना ही वे इस पद के योग्य हैं. इतना ही नहीं सीएसआईआर ने ऐसा कोई आदेश भी पारित नहीं किया है.याचिका में कहा गया है कि जिस कमेटी ने उनका चयन किया है, वह कमेटी खुद ही नियमों का पालन नहीं कर रही है.

ये भी पढे़ंःदून के दर्शन लाल चौक पर पीएम मोदी का पोस्टर जिला प्रशासन को नहीं दिखता, डीएम बोले- हटाएंगे


वहीं, मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने वीसी को नोटिस जारी किया है. साथ ही राज्य सरकार, यूजीसी और सीएसआईआर से जवाब मांगा है.

नैनीतालः दून विश्वविद्यालय में वीसी के पद पर नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. वीसी के पद को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दून विश्वविद्यालय के वीसी को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने मामले को लेकर राज्य सरकार, यूजीसी और सीएसआईआर को तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब मामले कि अगली सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता एमसी पंत.


बता दें कि आरटीआई के अध्यक्ष और सेवानिवृत लेक्चरर यज्ञदत्त शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि दून विश्वविद्यालय के वीसी जीएस नौटियाल ने यूनिवर्सिटी के नियम, यूजीसी और सीएसआईआर के विरुद्ध और अपने बायोडाटा में गलत तथ्य देकर तत्कालीन शिक्षा सचिव रणवीर सिंह से वीसी के पद पर नियुक्ति पाई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि नियुक्त नए वीसी के पास पढ़ाने का दस साल का अनुभव नहीं हैं और ना ही वे इस पद के योग्य हैं. इतना ही नहीं सीएसआईआर ने ऐसा कोई आदेश भी पारित नहीं किया है.याचिका में कहा गया है कि जिस कमेटी ने उनका चयन किया है, वह कमेटी खुद ही नियमों का पालन नहीं कर रही है.

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वहीं, मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने वीसी को नोटिस जारी किया है. साथ ही राज्य सरकार, यूजीसी और सीएसआईआर से जवाब मांगा है.

स्लग- वी सी दून विश्वविधालय

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान- नैनीताल

एंकर- नैनीताल हाई कोर्ट ने दून विश्वविधालय के वीसी के पद को चुनोती देने वाली याचिका में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ ने दून विश्वविधालय के वीसी को नोटिस जारी कर राज्य सरकार ,यूजीसी और सीएसआईआर से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले कि अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद की नियत की है। 
          आपको बतादे कि आरटीआई के अध्यक्ष व सेवा निवृत लेक्चचर यज्ञदत्त शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि दून विश्वविधालय के वीसी जीएस नौटियाल ने विश्वविधालय के नियमो के व यूजीसी और सीएसआईआर के विरुद्ध और अपने  बायोडाटा में गलत तथ्य उजगार करके तत्कालीन शिक्षा सचिव रणवीर सिंह से वीसी के पद पर नियुक्ति पाई है। साथ ही याचिकर्ता का यह भी कहना है कि न तो उनके पास पढ़ाने का दस वर्ष का अनुभव है न ही वे इस पद हेतु योग्य है। और न ही सीएसआईआर द्वारा ऐसा कोई आदेश पारित किया है। 
          जिस कमेटी ने उनका चयन किया है वह कमेटी खुद ही मियमो को पूर्ण नही करती । सुनवाई के वाद कोर्ट ने वीसी को नोटिस जारी कर राज्य सरकार यूजीसी सीएसआईआर से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद की नियत की है। 

बाईट एम सी पंत अधिवक्ता नैनीताल हाईकोर्ट




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