नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के नैनीताल स्थित मुक्तेश्वर सतखोल प्यूड़ा घर में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा आगजनी और गोली चलाने के मामले पर सुनवाई की. मामले में एक अन्य आरोपी राकेश कपिल द्वारा गुरुवार को अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए याचिका दायर की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सरकार से 16 दिसंबर तक जवाब पेश करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.
मामले के मुताबिक, याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया है कि वे इस वारदात में शामिल नहीं है. कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक कारणों के चलते इस घटना को अंजाम दिया है. उन्हें इस मामले में गलत फंसाया जा रहा है. जबकि इस केस से उनका कोई लेना-देना नहीं है. इस केस के मुख्य आरोपी कुंदन सिंह चिलवाल को कोर्ट से राहत मिल चुकी है. उसी के आधार पर उनकी भी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए.
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ये है पूरा मामलाः 15 नवंबर को हिंदूवादी संगठनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के सतखोल (सतोली) स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. साथ ही आगजनी-पथराव और फायरिंग भी की गई थी. जिसके बाद केयरटेकर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. केयरटेकर ने बताया था कि प्रदर्शन के नाम पर कई लोग घर में घुसे और उनके परिवारजनों के साथ मारपीट की. साथ ही परिवार के सभी लोगों को जान से मारने की धमकी दी और घर पर फायरिंग भी की.
इसलिए मचा बवालः दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नई पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन अवर टाइम्स' (Sunrise Over Ayodhya: Nationhood in Our Times) में हिंदुत्व पर टिप्पणी की है. किताब में हिंदुत्व की तुलना जिहादी ग्रुप आईएसआईएस और बोको हराम से की गई है. खुर्शीद की किताब में एक चैप्टर 'द सैफ्रन स्काई' को लेकर बवाल मचा हुआ है.